परिषदीय विद्यालयों में पढ़ रहीं दिव्यांग बेटियों को सशक्त बनाएगी योगी सरकार, ₹5.24 करोड़ की वृत्तिका प्रदान करने की मंजूरी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ‘समावेशी और संवेदनशील सुशासन’ के अपने संकल्प को निरंतर साकार कर रही है। इसी क्रम में राज्य की 26,215 दिव्यांग छात्राओं को समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत ₹200 प्रतिमाह की दर से अधिकतम 10 माह तक वृत्तिका (stipend) प्रदान करने हेतु कुल ₹5.24 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।

यह निर्णय भारत सरकार के प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की 9 अप्रैल, 2025 की बैठक में अनुमोदित हुआ था, जिसके क्रम में योगी सरकार ने इसका त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित किया है। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनेक अवसरों पर स्पष्ट किया है कि प्रत्येक बालिका को शिक्षा का अधिकार है और प्रत्येक दिव्यांग छात्रा को गरिमा के साथ आगे बढ़ने का अवसर देना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है।

पारदर्शिता और तकनीक के माध्यम से लाभ सीधे घर तक
प्रदेश सरकार इस योजना को डी.बी.टी. के माध्यम से लागू कर रही है, ताकि प्रत्येक लाभार्थी तक सहायता बिना किसी बिचौलिए के सीधे पहुंचे। समस्त धनराशि छात्राओं के माता-पिता या अभिभावकों के बैंक खातों में भेजी जाएगी।

यह है पात्रता और प्रक्रिया
परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक एवं कम्पोजिट विद्यालयों में कक्षा 1 से 8 तक अध्ययनरत वह छात्राएं पात्र होंगी, जिनके पास किसी सक्षम चिकित्सा बोर्ड द्वारा जारी न्यूनतम 40% दिव्यांगता प्रमाण-पत्र होगा। इन छात्राओं को अधिकतम 10 माह तक ₹200 प्रतिमाह की दर से वृत्तिका दी जाएगी। यह पूरी प्रक्रिया प्रेरणा, समर्थ एवं PFMS पोर्टलों के माध्यम से पूर्णतः डिजिटल, पारदर्शी और सत्यापित तकनीकी प्रणाली के तहत संचालित होगी।

कड़े वित्तीय अनुशासन की है व्यवस्था
योजना से संबंधित समस्त व्यय FM&P Manual-2024 के वित्तीय नियमों तथा क्रय निर्देशों के अनुसार किया जाएगा। दोहरा भुगतान या मद विचलन पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। सभी बिल-वाउचर और लेखा विवरण की सघन निगरानी होगी और समस्त भुगतान 30 सितंबर तक हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

जनपद स्तर पर गठित समिति, निगरानी व्यवस्था मजबूत
हर जनपद में पात्रता की जांच और सत्यापन हेतु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति गठित की गई है, जिसमें वित्तीय और शैक्षिक अधिकारी सम्मिलित होंगे। यह समिति लाभार्थियों की अंतिम सूची को तैयार कर, डिजिटल सत्यापन के उपरांत PFMS पोर्टल पर अपलोड करेगी।

‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण है। यह वृत्तिका उन दिव्यांग बेटियों के लिए एक मजबूत सहारा बनेगी, जिनके सपने उनके शारीरिक हालात से कहीं बड़े हैं। यह केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि शिक्षा में समान अवसर, गरिमा और संवेदनशील शासन व्यवस्था का परिचायक है। योगी सरकार हर वर्ग, हर बच्ची और हर परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।’
– संदीप सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), बेसिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार

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