देवरिया | जिलाधिकारी की हनक, कार्यवाही की तलवार से बचने के लिये कार्यदायी संस्थायें स्वतः करने लगी अपनी कार्यो में सुधार

संस्थायें स्वतः करने लगी अपनी कार्यो में सुधार, फिर भी हो सकती है कार्यवाही |

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देवरिया |  जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह के लगातार निर्माण एवं विकास कार्यो के औचक निरीक्षण में मिल रही खामियों एवं उनके द्वारा अनियमितता बरतने वाले संलिप्तो पर की जा रही कार्यवाहियों से हडकम्प का माहौल बना हुआ है। कतिपय विभाग उन खामियों को दूर करने तथा कार्यवाहियों से बचने के लिये पुनः उस निर्माण कार्य को ही स्वैच्छाचारिता बरतते हुए तोडने तथा नये सिरे से बनाने में लगे हुए है।

ऐसा ही एक ताजा उदाहरण आज जिलाधिकारी द्वारा कटियारी ग्राम में पर्यटन विभाग की 01 करोड 35 लाख की लागत की काली मंदिर/शिव मंदिर के सुन्दरीकरण व जीर्णोद्धार कार्य परियोजना के घटिया व अमानक कार्यो को ध्वस्त करते हुए कार्यदायी संस्था द्वारा नये सिरे से बनाते देखा गया। कार्यदायी संस्था का यह कृत्य भी जिलाधिकारी के निरीक्षण उपरान्त बिना किसी सक्षम अधिकारी के अनुमोदन के ही साक्ष्य मिटाने की कुत्सित प्रयास है। यह कृत्य भी अनियमितता व आपराधिक श्रेणी के ही अन्तर्गत है।

जिलाधिकारी के इस कडे तेवर की जन सामान्य में है काफी चर्चा |
जिलाधिकारी श्री सिंह अपने निरीक्षणो में जहां कही कोई कमी पा रहे है, उस पर नियमानुकूल व वास्तविकता की पूर्णतः साक्ष्य के लिये तकनीकी टीम गठित कर उसका मूल्यांकन करा रहे है कि वास्तविक में प्रोजेक्टो में कितनी बंदरबाट हुई है, ताकि उसके अनुसार ही संलिप्तों पर कठोरतम कार्यवाही के तहत एफआईआर, जेल भेजने के साथ ही आर्थिक वसूली की कार्यवाही की जा सके।

इस प्रकरण में भी जिलाधिकारी  देवरिया ने अधिशासी अभियंता पीडब्लूडी की अध्यक्षता में तकनीकी टीम गठित कर तत्कालिक रुप मे जांच आख्या उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिया है। कार्यदायी संस्था इस टीम की आख्या देने के पूर्व ही अनियमिततापूर्ण किये गये कार्यो को साक्ष्य मिटाने के लिये स्वतः तोडफोड की जाने लगी है, जो की अत्यन्त ही आपत्तिजनक है। जिलाधिकारी ने इस प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए कहा है कि कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल द्वारा की जा रही यह कृत्य काफी आपत्तिजनक व अनियमिततापूर्ण है। इससे कोई भी संलिप्त अधिकारी, कर्मचारी बख्शा नही जायेगा, जांच आख्या में गंभीर अनियमितता आने पर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने से लेकर अन्य कठोरतम कार्यवाही सुनिश्चित करायी जायेगी।


ज्ञातव्य है कि जिलाधिकारी अब तक जहां कही भी अनियमिततापूर्ण कार्य अपने निरीक्षण में पाये है, वहां किसी भी संलिप्त को बख्शे नही है, जैसा कि ग्राम तेन्दुई, ग्राम सेमरौना में पंचायत भवन एवं आंगनवाडी केन्द्र, अत्येष्टि स्थल, नौतन हथियागढ में आयुर्वेदिक चिकित्सालय निर्माण, मझौलीराज में बृहद गौ आश्रय केन्द्र निर्माण में मिली अनियमितता, संलिप्तो पर की गयी कार्यवाहियों की श्रृंखला में सम्मिलित है। जिलाधिकारी के इस ईमानदारपूर्ण तेवर की जन सामान्य में व्यापक चर्चा एवं भूरि- भूरि प्रशंसा की जा रही है।

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रिपोर्ट : अजय कुमार पाण्डेय, देवरिया

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