J-K बॉर्डर पर तैनात BHISHM क्यूब्स, एक साथ 200 घायलों का इलाज संभव

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नई दिल्ली : भारत की तरफ से शुरू हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद से ही पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. पाकिस्तान लगातार भारत पर हमले की नाकाम कोशिश कर रहा है. इसी को देखते हुए भारत सरकार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हुए है. इसी बीच इमरजेंसी मेडिकल सुविधा के लिए BHISHM क्यूब्स की तैनाती जम्मू-कश्मीर में की जा रही है.

इमरजेंसी मेडिकल सेवाओं को मजबूती देने के लिए भारत सरकार के आरोग्य मैत्री प्रोजेक्ट के तहत तैयार किए गए BHISHM क्यूब्स अब जम्मू-कश्मीर बॉर्डर पर तैनाती के लिए रवाना किए गए हैं. ये क्यूब्स एक तरह के चलते-फिरते अस्पताल हैं जो किसी भी आपदा या युद्ध जैसी स्थिति में तुरंत चिकित्सा सुविधा देने में सक्षम हैं.

BHISHM क्यूब्स खासतौर पर 200 घायलों के एक साथ इलाज के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. इनमें गोली लगने, जलने, सिर, छाती, रीढ़ और पेट की गंभीर चोटों सहित लगभग 200 तरह की चोटों का इलाज किया जा सकता है. ये अस्पताल अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हैं जो तेज रिस्पॉन्स और व्यापक देखभाल सुनिश्चित करते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से शुरू किए गए आरोग्य मैत्री प्रोजेक्ट के अंतर्गत भारत न सिर्फ अपने देश में बल्कि प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित देशों को भी जरूरी मेडिकल सहायता और दवाइयां उपलब्ध करा रहा है. BHISHM क्यूब इसी पहल का हिस्सा हैं जिन्हें अब देश के संवेदनशील क्षेत्रों में भी तैनात किया जा रहा है.

HLL लाइफकेयर लिमिटेड को BHISHM क्यूब्स की खरीद और तैनाती की ज़िम्मेदारी दी गई है. HLL की टीम ने संबंधित चिकित्सा संस्थानों के 300-400 डॉक्टरों को ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेनिंग दी है ताकि वे इन पोर्टेबल अस्पतालों का उपयोग आपात स्थिति में सही तरीके से कर सकें. ये BHISHM क्यूब्स अब आरोग्य मंदिर मॉड्यूलर इमरजेंसी हॉस्पिटल के रूप में सीमावर्ती इलाकों में तैनात होंगे, जहां किसी भी तरह की इमरजेंसी में तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा.

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