चैटजीपीटी के सीईओ ऑल्टमैन ने प्रधानमंत्री मोदी से की मुलाकात

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नई दिल्ली: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) पर आधारित मंच चैटजीपीटी (ChatGPT) का निर्माण करने वाली कंपनी ओपनएआई (OpenAI) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सैम ऑल्टमैन ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। ऑल्टमैन ने बैठक के बाद कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई मुलाकात में उन्होंने भारत में एआई समाधानों को तेजी से अपनाने के बारे में विचार-विमर्श किया। इस दौरान एआई के रेगुलेशन से संबंधित बिंदुओं पर भी उनकी प्रधानमंत्री के साथ चर्चा हुई।

ऑल्टमैन ने इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (आईआईआईटी) में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए कहा कि उद्योग जगत में सेल्फ रेगुलेशन महत्वपूर्ण है, लेकिन दुनिया को पूरी तरह से ऐसी कंपनियों के हाथ में नहीं छोड़ देना चाहिए, जिनके पास एआई की ताकत है।ऑल्टमैन ने सेल्फ रेगुलेशन पर हुई अनौपचारिक चर्चा के दौरान कहा कि ओपनएआई खुद ही अपना रेगुलेशन करता है और उसने चैटजीपीटी को पूरी तरह सुरक्षित सुनिश्चित करने के लिए लगभग आठ महीने का समय लगाया। एआई को अपनाने के लिए सरकार क्या कर सकती है, इस बारे में बात करते हुए ऑल्टमैन ने कहा, “सरकार को यह पता लगाने पर ध्यान देना चाहिए कि वे इस तकनीक को अन्य सेवाओं में कैसे एकीकृत कर सकते हैं। उम्मीद है, हम सभी सरकारी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लैंग्वेज-लर्निंग मॉडल (एलएलएम) का उपयोग करना शुरू कर देंगे।”

एआई के नियमन पर ऑल्टमैन की राय के बारे में बात करते हुए, चंद्रशेखर ने कहा, “सैम ऑल्टमैन स्पष्ट रूप से एक चतुर व्यक्ति हैं। एआई को कैसे विनियमित किया जाना चाहिए, इस बारे में उनके अपने विचार हैं। हम निश्चित रूप से सोचते हैं कि हमारे पास भारत में भी कुछ स्मार्ट दिमाग हैं और हमारे अपने विचार हैं कि एआई को कैसे सुरक्षा कवच होना चाहिए। अमेरिका में एक वकील ने कोर्ट फाइलिंग तैयार करने के लिए चैटजीपीटी की मदद ली। एआई तकनीकी ने फाइल तैयार करने में फर्जी मामलों और फैसलों को शामिल किया। सुनवाई के दौरान ये सभी तथ्य झूठे पाए गए। वकील ने इसके लिए जज से माफी मांगी है।

दरअसल, रॉबर्टो ने एक शिकायत करते हुए मामला दर्ज कराया था कि 2019 में सल्वाडोर से न्यूयॉर्क की यात्रा के दौरान एक धातु की प्लेट उनके पैर में लगी थी जिससे वो घायल हो गए। एयरलाइन के वकीलों ने शिकायत को गलत बताते हुए मामला खारिज करने के लिए कहा था। उसकी ओर से केस लड़ रहे स्टीवन श्वार्ट्ज ने अदालत में कुछ तथ्य और आधा दर्जन पुराने फैसलों को हवाला देते हुए कोर्ट से कहा कि पुराने मामलों को देखते हुए केस खारिज नहीं किया जाना चाहिए।

हालांकि एयरलाइन के वकीलों और जज ने श्वार्ट्ज की ओर से पेश किए गए विवरण को गलत पाया। न्यायाधीश ने श्वार्ट्ज और उसके कानूनी साथी को संभावित प्रतिबंधों का सामना करने के लिए उसके सामने पेश होने का आदेश दिया। कोर्ट में श्वार्ट्ज ने स्वीकार किया था कि उसने विवरण तैयार करने के लिए चैट जीपीटी का सहारा लिया था। वकील ने अपनी गलती के लिए माफी भी मांगी है। श्वार्ट्ज ने कहा क मुझे इस बात का बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि एआई तकनीक ने पूरे मामले के तैयार करने में फर्जी विवरण को शामिल किया है। मेरा मानना था कि चैटजीपीटी एक विश्वसनीय खोज इंजन था। अब मुझे पता है कि यह गलत था।

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