डायबिटीज पेशेंट इन लक्षणों को न करें अनदेखा, सेहत के लिए पड़ सकता है भारी

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नई दिल्ली : डायबिटीज एक आम बीमारी है लेकिन इसे कंट्रोल में रखना आसान काम नहीं होता है। डायबिटीज के मरीजों को खानपान से लेकर पूरी लाइफस्टाल पर बहुत ध्यान देना होता है। ब्लड शुगर बढ़ जाने पर मरीजों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ब्लड शुगर(blood sugar) बढ़ने या घटने पर कुछ खास तरह के लक्षण महसूस होते हैं जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।

ब्लड शुगर जब बढ़ जाता है तो नींद ठीक से नहीं आती है, बहुत प्यास लगती है, धुंधला दिखाई देता है और बार-बार पेशाब लगती है। वहीं ब्लड शुगर कम हो जाने पर कांपना, भूख लगना, पसीना आना, बेचैनी और चिड़चिड़ापन महसूस होता है। लक्षणों पर ध्यान देने के अलावा टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को इन 5 बातों को अनदेखा नहीं करना चाहिए।

अगर आपके पैर पर हुआ घाव नहीं भर रहा है तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ये न्यूरोपैथी का संकेत हो सकता है। न्यूरोपैथी होने पर तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचता है। इस दौरान ऐसा महसूस होता है जैसे कि कोई तलवे में सुई चुभो रहा हो। लंबे समय तक ब्लड शुगर बढ़ा रहने की वजह से ऐसा होता है। आमतौर पर ये तलवों से शुरू होता है लेकिन हाथ और पैरों को भी प्रभावित कर सकता है। न्यूरोपैथी के वजह से हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं जिसका मतलब है कि घाव का दर्द ना महसूस होने पर ये शरीर में इंफेक्शन फैला सकता है। इसलिए इसे कभी भी नजरअंदाज ना करें।

डायबिटीज का आंखों पर गहरा असर पड़ता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी, एक ऐसी स्थिति जिसमें ब्लड ग्लूकोज का स्तर बढ़ने पर रेटिना की रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इसकी वजह से आंखों की रोशनी जाने का भी खतरा रहता है। डायबिटिक रेटिनोपैथी (diabetic retinopathy) के शुरुआती चरण में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते हैं। जैसे-जैसे ये बढ़ता है, आंखों के नीचे काले धब्बे बढ़ने लगते हैं। इसलिए समय-समय पर अपने आंखों की जांच कराते रहें।

बिना डायबिटीज वालों की तुलना में डायबिटीज के मरीजों में स्ट्रोक (stroke) होने की संभावना 1।5 गुना अधिक होती है। स्ट्रोक तब होता है जब मस्तिष्क तक खून पहुंचने में कठिनाई होती है। इसके अलावा दोहरी दृष्टि, चलने-फिरने में दिक्कत, बोलने में कठिनाई, तेज सिर दर्द (Headache) और तेज चक्कर आना भी स्ट्रोक के लक्षण हैं। इससे बचने के लिए फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान दें और खानपान सही रखें।

अगर आपका ब्लड शुगर (blood sugar) लगातार बढ़ा हुआ या कम रहता है तो इसका असर शरीर के कई अंगों पर पड़ता है जिसमें कान भी शामिल है। रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचने के कारण कान से कम सुनाई देने लगता है। एक स्टडी के मुताबिक, जिन लोगों का ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है उनकी तुलना प्रिडायबिटिक लोगों में कान कमजोर होने की संभावना 30 फीसदी तक ज्यादा होती है।

आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि डायबिटीज और डिप्रेशन के बीच गहरा संबंध है। डिप्रेशन की वजह से उदासी रहती है और दिन भर की एक्टिविटी से दिलचस्पी खत्म होने लगती है। यहां तक कि आपको अपना पसंदीदा काम करने का भी मन नहीं करता है।

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