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नई दिल्ली : प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट ने सोमवार को मानसून का अनुमान जारी करते हुए कहा कि इस साल मानसून सामान्य से कम रहेगा। ये अपडेट जून से सितंबर के बीच का है। स्काईमेट ने जून से सितंबर तक चार महीने की लंबी अवधि के लिए 868.6 मिलीमीटर बारिश का अनुमान लगाया है, जो दीर्घ अवधि के औसत (एलपीए) का 94 फीसदी हो सकता है। स्काइमेट के मॉनसून पूर्वानुमान के अनुसार जून से सितंबर तक 4 महीने की औसत वर्षा की 868.8 मिमी की तुलना में 816.5 मिमी यानी कि 94 फीसदी की संभावना है।

स्काईमेट प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने कहा की, तीन-डिप-ला नीना के सौजन्य से, दक्षिण-पश्चिम मानसून ने पिछले चार सत्रों में सामान्य/सामान्य से अधिक वर्षा दर्ज की है। अब, ला नीना समाप्त हो गया है। प्रमुख महासागरीय और वायुमंडलीय चर ईएनएसओ-तटस्थ स्थितियों के अनुरूप हैं। इस बार मॉनसून पर अल नीनो का खतरा मंडरा रहा है।इस वजह से बारिश सामान्य से काफी कमजोर रहती है और देश को सूखा झेलना पड़ सकता है। अल नीनो की वापसी कमजोर मॉनसून को बढ़ावा दे सकती है।

अगर मानसून सामान्य से कम रहता है तो देश में फूड ग्रेन प्रोडक्शन घट सकता है। प्रोडक्शन कम होने पर महंगाई बढ़ सकती है। स्काईमेट ने जनवरी में भी मानसून के सामान्य से कम रहने का अनुमान लगाया था और अब उसने अपने उसी आउटलुक को बरकरार रखा है।

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