ईद से पहले क्यों देखा जाता है चांद और कब मनेगी ईद-उल-फितर

0 43

नई दिल्‍ली : भारत समेत दुनियाभऱ के मुसलमान रमजान माह में पूरे इबादत के साथ रोजा रख रहे हैं. रमजान का अंतिम कालखंड नजदीक आते ही यानी तीसरा अशरा शुरू होते ही सभी ईद की तैयारियों में लग जाते हैं और जैसे-जैसे रमजान बीतता जाता है सभी को ईद के चांद का बेसब्री से इंतजार रहता है.

ईद मुस्लिम समुदाय के लोगों का सबसे अहम त्योहार है. इसे ईद-उल-फितर, ईद-अल-फितर, मीठी ईद या रमजान ईद के नाम से भी जाना जाता है. ईद का पर्व रमजान महीने के अंत का प्रतीक है. रमजान महीने के खत्म होते ही ईद मनाई जाती है. लेकिन ईद की तारीख अर्धचंद्र के दीदार के बाद ही तय होती है.

दरअसल, अलग-अलग देशों में अलग-अलग तारीखों पर शव्वाल (इस्लामिक कैलेंडर का 10वां महीना) का चांद देखा जाता है. ऐसे में ईद की तारीख भी अलग-अलग देशों में अलग-अलग हो सकती है. बात करें भारत की तो भारत में 9 अप्रैल को रमजान का 29वां रोजा रखा जाएगा. यदि इस दिन आसमान में अर्धचंद्र का दीदार होता है तो अगले दिन यानी 10 अप्रैल को ईद मनाई जाएगी और अगर 29वें रोजे पर चांद नजर नहीं आता है तो रमजान का 30 रोजा पूरा करने के बाद 11 अप्रैल को भारत में ईद मनाई जाएगी.

इस्लामिक कैलेंडर चंद्रमा पर आधारित होता है और सभी पर्व-त्योहार भी चंद्रमा पर निर्भर करते हैं. इस्लामी रूयत-ए-हिलाल (नया चांद देखना) के अनुसार अर्धचंद्र को देखना एक धार्मिक प्रकिया है. नया चांद दिखने पर नया महीना शुरू होता है. रमजान के आखिर दिन इसी नए चांद को देखने के बाद शव्वाल महीना शुरू होता है और फिर ईद मनाई जाती है.

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.