भगवान शिव क्यों पहनते हैं सर्पों की माला, जानिए क्या है रहस्य

0 370

नई दिल्ली: हिन्दू धर्म में भगवान शिव को मृत्युलोक का देवता माना गया है। भगवान शिव अजन्में माने जानते हैं कहा जाता है उनका न तो कोई आरम्भ हुआ है और न ही अंत होगा। इसलिए भगवान शिव अवतार न होकर साक्षात ईश्वर हैं। क्या आपको पता है कि भगवान शिव नागों का हार क्यों पहनते हैं अगर नहीं तो आज हम आपको बताते हैं कि देवाधि देव महादेव के गले में सर्पों का हार क्यों शोभायमान है।

शास्त्रों के मुताबिक, भगवान शिव नागों के अधिपति है। नाग या सर्प को कालरूप माना गया है क्योंकि नाग विषैला व तामसी प्रवत्ति का जीव होता है| सर्पों का भगवान शंकर के अधीन होना यही संकेत है कि भगवान शंकर तमोगुण, दोष, विकारों के नियंत्रक व संहारक हैं, जो कलह का कारण ही नहीं बल्कि जीवन के लिये घातक भी होते हैं। इसलिए वह प्रतीक रूप में कालों के काल भी पुकारे जाते हैं और शिव भक्ति ऐसे ही दोषों का शमन करती है।

इस तरह भगवान भोलेनाथ का नागों का हार पहनना व्यावहारिक जीवन के लिये भी यही संदेश देता है कि जीवन को तबाह करने वाले कलह और कड़वाहट रूपी घातक जहर से बचाना है तो मन, वचन व कर्म से द्वेष, क्रोध, काम, लोभ, मोह, मद जैसे तमोगुण व बुरी आदत रूपी नागों पर काबू रखें। यही वजह है कि भगवान भोलेनाथ सर्पों की माला से अपना सिंगार करते हैं।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.