10 ग्राम सोना ₹1,27,000 के पार: जानिए क्यों बढ़ी कीमतें और निवेशकों को क्या करना चाहिए

सोने की कीमतों में भारी उछाल ने बाज़ार को चौंका दिया है। वैश्विक मुद्रा अस्थिरता, तेल की बढ़ती कीमतें और डॉलर की कमजोरी ने गोल्ड को फिर से “सेफ हेवन” बना दिया है। जानिए क्या अब भी निवेश का सही समय है या मुनाफा बुक करने का।

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सोने की कीमत में ऐतिहासिक उछाल: भारत में सोने की कीमतों ने नई ऊँचाई छू ली है। दिल्ली, मुंबई और जयपुर जैसे प्रमुख बाज़ारों में 24 कैरेट सोना ₹1,27,000 प्रति 10 ग्राम के पार पहुँच गया है — जो अब तक का रिकॉर्ड स्तर है, पिछले एक महीने में सोने के भाव में करीब ₹4,800 की बढ़ोतरी देखी गई है।

वैश्विक कारण — डॉलर की कमजोरी और भू-राजनीतिक तनाव

सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के पीछे मुख्य वजहें हैं:

  1. अमेरिकी डॉलर की कमजोरी:
    निवेशक डॉलर की बजाय सोने को सुरक्षित संपत्ति मान रहे हैं।

  2. तेल की कीमतों में उछाल:
    मध्य-पूर्व तनाव के कारण कच्चे तेल की कीमत बढ़ी है, जिससे मुद्रास्फीति की चिंता गहराई है।

  3. वैश्विक ब्याज दरों में बदलाव:
    कई देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरें घटाईं, जिससे गोल्ड में निवेश आकर्षक बन गया।

  4. अंतरराष्ट्रीय मांग में वृद्धि:
    चीन और UAE में गोल्ड रिज़र्व बढ़ाए जा रहे हैं, जिससे कीमतों पर दबाव बना है।

भारतीय संदर्भ — रुपये की गिरावट से बढ़ा असर

भारत में सोने की कीमतों पर रुपये की कमजोरी का सीधा असर पड़ा है। रुपया पिछले सप्ताह ₹84.65 प्रति डॉलर के स्तर पर पहुँच गया, जिससे आयातित सोना महँगा हो गया। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गोल्ड इंपोर्टर है, इसलिए डॉलर की हलचल तुरंत असर डालती है। “रुपये की गिरावट और वैश्विक अनिश्चितता — दोनों ने मिलकर गोल्ड को फिर से चमका दिया।” — बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन

निवेशकों के लिए सलाह — क्या करें अब?

 

अगर आपने पहले निवेश किया है:

  • आंशिक मुनाफा बुक करने का यह सही समय हो सकता है।

  • परंतु पूरा निवेश निकालने से पहले बाज़ार स्थिरता देखें।

अगर नया निवेश करना चाहते हैं:

  • तुरंत खरीदारी से बचें; अगले 10–15 दिन में हल्की गिरावट की संभावना है।

  • SGB (Sovereign Gold Bonds) या Gold ETFs में निवेश अधिक सुरक्षित विकल्प है।

  • भौतिक सोने के बजाय डिजिटल विकल्प बेहतर हैं — टैक्स और स्टोरेज दोनों में राहत।

क्या गलती न करें:

  • शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग में उतार-चढ़ाव से नुकसान हो सकता है।

  • बिना बिल या अनऑथराइज़्ड ज्वेलर्स से सोना न खरीदें।

आगे का अनुमान — विश्लेषकों की राय

विश्लेषकों के अनुसार, यदि भू-राजनीतिक तनाव जारी रहा तो सोने की कीमत ₹1,30,000 प्रति 10 ग्राम तक पहुँच सकती है। हालांकि, यदि डॉलर मज़बूत हुआ या ब्याज दरें बढ़ीं तो गोल्ड में हल्की गिरावट संभव है। “Gold अभी भी लंबी अवधि के लिए आकर्षक निवेश है, लेकिन नई एंट्री सोच-समझकर करें।” — HDFC Securities रिपोर्ट

सोना क्यों कहलाता है ‘सेफ हेवन’?

आर्थिक अस्थिरता, युद्ध, या मुद्रा अवमूल्यन के दौर में सोना निवेशकों के लिए भरोसेमंद विकल्प माना जाता है। यह मुद्रास्फीति से बचाव (Inflation Hedge) का काम करता है और पोर्टफोलियो को स्थिर रखता है। सोने की यह तेज़ी सिर्फ बाज़ार नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की चिंता का संकेत है। निवेशक यदि समझदारी से कदम उठाएँ — संतुलित निवेश, लंबी अवधि की दृष्टि और जोखिम प्रबंधन के साथ — तो यह दौर लाभदायक साबित हो सकता है। सोना फिर चमक रहा है, लेकिन नज़र सिर्फ उसकी कीमत पर नहीं, अपनी रणनीति पर रखें।

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