अयोध्या: बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी पर भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या, श्री कृष्ण जन्म भूमि मथुरा समेत पूरे यूपी में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अयोध्या और मथुरा के साथ वाराणसी, लखनऊ, मेरठ, अलीगढ़, आगरा, कानपुर और प्रयागराज जैसे प्रमुख जिलों में भी विशेष सतर्कता बरती जा रही है। बता दें कि अयोध्या में 22 साल पहले 6 दिसंबर 1992 को राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद ढहा दी थी।
छावनी में तब्दील हुई अयोध्या
अयोध्या में 4 दिसंबर से ही सुरक्षा चौकसी बढ़ा दी गई है और अतिरिक्त निगरानी रखी जा रही है। राम मंदिर के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विवादित स्थल पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो चुका है। हाल में धर्म ध्वजा की स्थापना के साथ ही मंदिर का निर्माण पूरा हुआ है, ऐसे में आज सुरक्षा एजेंसियां ज्यादा सतर्क हैं। अयोध्या के SSP गौरव ग्रोवर ने बताया कि जिले के सभी थानों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। चार दिसंबर से अतिरिक्त निगरानी रखी जा रही है और आज सुरक्षा घेरा और कड़ा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान आम लोगों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
CM योगी ने दिए निर्देश
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद 6 दिसंबर को शौर्य दिवस/काला दिवस को लेकर अयोध्या के साथ अवध क्षेत्र प्रतापगढ़ में भी पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। आईपीएस प्रशांत राज समेत पुलिस अधिकारियों ने शहर के संवेदनशील इलाकों का निरीक्षण किया और अधीनस्थों को सतर्क रहने के निर्देश दिए। पुलिस प्रशासन ने नागरिकों से भी शांति और सहयोग बनाए रखने की अपील की है।

होटल, ढाबे, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं की लगातार जांच
एसएसपी ने कहा कि होटल, ढाबे, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं की लगातार जांच की जा रही है। शहर के प्रवेश द्वारों पर वाहनों की भी निगरानी की जा रही है। अयोध्या क्षेत्र में पैदल गश्त की जा रही है। पुलिसकर्मियों को राम मंदिर मार्ग और संवेदनशील स्थानों पर सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि–शाही ईदगाह परिसर एक संवेदनशील स्थल है। मंदिर परिसर और अन्य संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है। राज्य भर में रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, जिला सीमाओं, बाज़ारों और सार्वजनिक स्थलों पर पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी गई है।
क्यों संवेदनशील है 6 दिसंबर?
बता दें कि हाल में दिल्ली में लाल किले के पास कार विस्फोट के मद्देनजर सतर्कता बढ़ा दी गई है। कुछ हिंदू संगठन 6 दिसंबर को ‘‘शौर्य दिवस’’ और कई मुस्लिम समूह इसे ‘‘काला दिवस’’ के रूप में मनाते हैं जिससे यह दिन कानून व्यवस्था के लिए संवेदनशील बन जाता है।