गन्ना किसानों की बल्ले-बल्ले, केंद्र सरकार ने बढ़ाया मूल्य, सीएम योगी ने पीएम मोदी का जताया आभार

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लखनऊ: यूपी में गन्ना किसानों की बल्ले-बल्ले हो गई है। केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों का मूल्य बढ़ा दिया है। अक्टूबर से शुरू होने वाले आगामी 2025-26 सत्र के लिए केंद्र सरकार ने गन्ने मूल्य बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया। मुख्यमंत्री योगी आदत्यिनाथ ने गन्ना किसानों के हित में लिए गए ऐतिहासिक निर्णय पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया है। अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट के जरिए योगी ने कहा कि किसान बंधुओं की समृद्धि एवं उन्नति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शीर्ष प्राथमिकता है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा 2025-26 (अक्टूबर-सितंबर) सीजन के लिए उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) को 355 रुपए प्रति क्विंटल करने की मंजूरी प्रदान की गई है। यह निर्णय पांच करोड़ गन्ना किसानों के साथ ही पांच लाख श्रमिकों के जीवन में आर्थिक सशक्तीकरण व स्वावलंबन का आधार बनेगा।

सरकार ने गन्ने का लाभकारी मूल्य 4.41 प्रतिशत बढ़ाकर किया 355 रुपये प्रति क्विंटल
मोदी सरकार ने सरकार ने बुधवार को अक्टूबर से शुरू होने वाले आगामी 2025-26 सत्र के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 4.41 प्रतिशत बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल करने का फैसला किया। गन्ना किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस बारे में फैसला किया गया। चालू 2024-25 सत्र के लिए गन्ने का एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। केंद्र सरकार एफआरपी तय करती है, जो अनिवार्य न्यूनतम मूल्य है। चीनी मिलें गन्ना किसानों को उनकी उपज के लिए यह मूल्य देने को कानूनी रूप से बाध्य हैं।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सीसीईए की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि मूल वसूली दर यानी प्रसंस्करण के दौरान गन्ने से प्राप्त चीनी 10.25 प्रतिशत रहने पर 355 रुपये प्रति क्विंटल का एफआरपी स्वीकृत किया गया है। बयान में कहा गया कि गन्ने से चीनी प्राप्ति 10.25 प्रतिशत से अधिक होने पर प्रत्येक 0.1 प्रतिशत वृद्धि के लिए किसानों को 3.46 रुपये प्रति क्विंटल का प्रीमियम दिया जाएगा। इसी तरह दर कम होने पर प्रत्येक 0.1 प्रतिशत कमी के लिए एफआरपी में 3.46 रुपये प्रति क्विंटल की कमी की जाएगी। इस तरह 9.5 प्रतिशत की दर पर किसानों को 329.05 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा। इससे कम चीनी प्राप्ति की दर होने पर आगे कोई कटौती नहीं की जाएगी और न्यूनतम 329.05 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान हर हाल में किसानों को किया जाएगा।

बयान के अनुसार चीनी सत्र 2025-26 के लिए गन्ने की उत्पादन लागत 173 रुपये प्रति क्विंटल है। ऐसे में 10.25 प्रतिशत चीनी प्राप्ति दर पर 2025-26 के लिए निर्धारित 355 रुपये प्रति क्विंटल का एफआरपी उत्पादन लागत से 105.2 प्रतिशत अधिक है। चीनी एक महत्वपूर्ण कृषि आधारित क्षेत्र है, जो लगभग पांच करोड़ गन्ना किसानों और उनके आश्रितों तथा चीनी मिलों में सीधे तौर पर काम करने वाले लगभग पांच लाख श्रमिकों की आजीविका का इंतजाम करता है। इसके अलावा खेतिहर मजदूर और परिवहन सहित विभिन्न सहायक गतिविधियों में शामिल लोग इससे प्रभावित होते हैं। कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों और राज्य सरकारों तथा अन्य हितधारकों से परामर्श के आधार पर एफआरपी को तय किया गया है।

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