नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए क्रूर आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई, और जांच में इसके पीछे पाकिस्तान में सक्रिय आतंकियों की भूमिका सामने आई। इस घटना ने दोनों देशों के रिश्तों में गहराई तक जहर घोल दिया है।
अब हालात ऐसे बन गए हैं कि दोनों तरफ से मिसाइलें और ड्रोन दागे जा रहे हैं। हाल ही में गुरुवार को सीमाओं पर हुए टकराव में गनीमत रही कि किसी तरह की जान-माल की बड़ी हानि नहीं हुई। लेकिन पूरे विश्व की निगाहें अब भारत-पाक तनाव पर टिकी हैं।
सुरक्षा को लेकर भारत की तैयारी
सरकार ने जनता की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए देश के कई हिस्सों में मॉक ड्रिल्स का आयोजन किया है। इन अभ्यासों का मकसद आम नागरिकों को यह समझाना है कि यदि कभी युद्ध जैसी स्थिति बनती है, तो कैसे सतर्क रहकर अपनी और अपने परिवार की जान बचाई जा सकती है।
भारतीय वायुसेना की तत्परता
जैसे ही कोई दुश्मन मिसाइल, ड्रोन या फाइटर जेट भारतीय सीमा की ओर बढ़ता है, वायुसेना के हाई-टेक रडार उसे तुरंत पकड़ लेते हैं। संभावित हमले की दिशा और समय का आकलन होते ही, चेतावनी के लिए एयर रेड सायरन बजा दिया जाता है जिससे लोग कुछ सेकंड पहले ही सतर्क हो सकें।
सायरन का मतलब और उसका असर
जब सायरन की तेज़ और ऊंची-नीची आवाज़ सुनाई दे, तो समझिए बड़ा खतरा पास आ रहा है।
यह आमतौर पर 1 से 3 मिनट तक बजता है, और यह संकेत है कि सभी को तुरंत किसी सुरक्षित स्थान की ओर बढ़ना चाहिए।

जब एक समान स्थिर आवाज़ करीब एक मिनट तक सुनाई दे, तो इसका मतलब होता है कि खतरा टल चुका है।
सुरक्षित रहने के उपाय
सायरन बजते ही सबसे पहले भीड़-भाड़ वाले इलाके से दूर जाएं और अंडरपास, सबवे या मजबूत फ्लाईओवर के नीचे शरण लें।
इमारतों में ऐसी जगह जाएं जहां चारों ओर मोटी दीवारें हों, जैसे सीढ़ियों के नीचे या बाथरूम के पास।
खुले क्षेत्र में हों तो कम ऊंचाई वाले पुल के नीचे या गड्ढेदार स्थानों में लेट जाएं।
घर में हैं तो खिड़की-दरवाज़े बंद करें, इलेक्ट्रॉनिक और गैस उपकरणों को बंद करें और सिर पर तकिया या मजबूत चीज़ रखकर जमीन पर लेट जाएं।
आपात किट हमेशा तैयार रखें, जिसमें पानी, ड्राई फूड, फर्स्ट-एड और जरूरी दवाइयाँ हों।
अफवाहों से दूर रहें और सिर्फ सरकारी सूचना पर भरोसा करें।