भारत-पाक तनाव के बीच एविएशन कंपनियां कर रही मनमानी, टिकट कैंसिलेशन पर वसूल रही ज्यादा पैसे

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नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर समझौता होने के बाद एक्शन रूक गया है। हालांकि कुछ ही दिनों पहले अमृतसर में इस समझौते के बाद भी ड्रोन एक्टिविटीज देखने के बाद कई फ्लाइट्स को कैंसिल कर दिया जा रहा है। इन सबके बीच यात्रियों के सामने एक नई परेशानी खड़ी हो गई है। बताया जा रहा है कि खुद एयरलाइंस के द्वारा या फिर भारत-पाक टेंशन के कारण यात्रियों की ओर से फ्लाइट की टिकट कैंसिल की जाने पर उनसे भारी कैंसलेशन चार्ज वसूला जा रहा है। इससे लोगों के बीच गुस्सा पनप रहा है जिसे वे सोशल मीडिया के माध्यम से जाहिर कर रहे हैं।

10,000 की टिकट पर 8,000 कैंसलेशन चार्ज
इंडिगो एयरलाइन ने चंडीगढ़ से मुंबई जाने वाली फ्लाइट कैंसिल होने पर 1 यात्री से 8,111 रुपये का कैंसलेशन चार्ज वसूला है। इस बारे में बात करते हुए यात्री ने जानकारी दी है कि उसने टिकट के लिए 10,000 रुपये से ज्यादा की राशि चुकाई थी, लेकिन उसे सिर्फ 2,050 रुपये ही वापस मिले। अंजुश वी भाटिया नाम के एक यात्री ने अपनी शिकायत सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इंडिगो पर खुलेआम मनमानी वसूली का आरोप लगाते हुए लिखा है कि फ्लाइट आपने कैंसिल की और 80 प्रतिशत राशि काट ली? दूसरी एयरलाइंस ने लगभग पूरा किराया लौटाया है। इस पोस्ट में उन्होंने नागरिक उड्ड्यन मंत्रालय को टैग कर पूछा है कि क्या ऐसा करना जायज है?

रिफंड के लिए करना पड़ रहा मशक्कत
एक और यूजर ने शिकायत करते हुए लिखा है कि उनकी पटना से चंडीगढ़ की फ्लाइट इंडिगो एयरलाइंस ने खुद ही रीशेड्यूल की थी लेकिन फिर भी उनसे 8,000 से ज्यादा रुपये की राशि एयरलाइन कैंसलेशन चार्ज के नाम पर वसूली गई। विभोर ने सवाल उठाया कि जब फ्लाइट खुद एयरलाइन कैंसिल कर रही है, तो मुझे पूरा रिफंड पाने के लिए इतनी मशक्कत क्यों करना पड़ रहा है? उन्होंने भी मंत्रालय से इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करने की मांग की हैं।

एयरलाइन और बुकिंग साइट के बीच में फंसे पैसेंजर्स
एक और यूजर ने लिखा है कि मैंने 16 मई को श्रीनगर जाने के लिए अकासा एयर की फ्लाइट हैप्पीफेयर्स प्लेटफॉर्म से बुक की थी। बाद में एयरलाइन ने फ्लाइट कैंसल कर दी। मुझे रूल्स के अंतर्गत रिफंड मिलना चाहिए, लेकिन अब मैं अपने ही पैसों के लिए एक झगड़े में फंस गया हूं। जब मैंने अकासा एयर से कॉन्टेक्ट किया, तो उन्होंने बुकिंग की ईमेल आईडी और रेफरेंस नंबर मांगा। मैंने हैप्पीफेयर्स से जो जानकारी मिली थी, वहीं उन्हें दी। जिसके बाद अकासा ने कहा कि वो सभी जानकारी गलत है। अब हालात ये है कि दोनों एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं और मैं बहुत बुरी तरीके से बीच में फंस गया हूं।

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