पीएम मोदी ने आतंकवाद को सांप बताया, दोबारा फन उठाने पर सख्त कार्रवाई का ऐलान

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आतंकवाद की तुलना सांप से करते हुए शुक्रवार को कहा कि अगर ‘‘उसने दोबारा फन उठाया तो उसे उसके बिल से बाहर खींचकर कुचल दिया जाएगा।” मोदी ने बिहार के काराकाट में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत के ‘‘तरकश का मात्र एक तीर है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई ‘‘न तो समाप्त हुई है, न ही रुकी है।” मोदी ने राज्य की राजधानी पटना से लगभग 140 किलोमीटर दूर काराकाट में लगभग 50,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करने के बाद विशाल रैली को संबोधित किया। उन्होंने पिछले महीने मधुबनी जिले में की गई अपनी रैली का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं पहलगाम में हुए नृशंस हमले के एक दिन बाद बिहार आया था। पहलगाम हमले में हमारी कई बहनों ने अपने सुहाग खो दिए थे। मैंने वादा किया था कि अपराधियों को ऐसी सजा मिलेगी जिसके बारे में वे सपने में भी नहीं सोच सकते। आज मैं अपना वादा पूरा करके बिहार वापस आया हूं।”

मोदी ने कहा, ‘‘भारत की बेटियों द्वारा लगाए जाने वाले सिंदूर की शक्ति को पाकिस्तान और पूरी दुनिया ने देखा है। आतंकवादी पाकिस्तानी सेना के संरक्षण में सुरक्षित महसूस करते थे लेकिन हमने उन्हें घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान में बैठे पहलगाम हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं के ठिकानों को मलबे में बदल दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमने पाकिस्तान के वायु सेना अड्डों और उनके सैन्य प्रतिष्ठानों को भी नष्ट कर दिया। यह नया भारत है और इसकी शक्ति सभी के सामने है।” मोदी ने कहा कि दुश्मन को यह समझना चाहिए कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ‘‘हमारे तरकश का मात्र एक तीर है। आतंकवाद के खिलाफ युद्ध न तो खत्म हुआ है और न ही रुका है।”

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आतंकवाद फिर से अपना फन उठाने की कोशिश करता है तो उसे उसके बिल से खींचकर कुचल दिया जाएगा।” प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में महत्वपूर्ण है जब कुछ विपक्षी दल सरकार की आलोचना कर रहे है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन के दबाव में सरकार ‘‘संघर्षविराम” पर सहमत हो गई। अपने भाषण में मोदी ने जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए उपनिरीक्षक (सीमा सुरक्षा बल) मोहम्मद इम्तियाज का भी जिक्र किया और उनके बलिदान की तुलना बिहार के जगदीशपुर के महान राजा वीर कुंवर सिंह की वीरता से की, जिन्हें 1857 के विद्रोह के प्रमुख नायकों में से एक माना जाता है। उपनिरीक्षक इम्तियाज सारण (छपरा) जिला के मूल निवासी थे।

प्रधानमंत्री ने सीमा सुरक्षा बल की सराहना करते हुए कहा, ‘‘बीएसएफ जवानों के लिए मां भारती की सेवा सर्वोच्च रही है।” प्रधानमंत्री ने किसी समय नक्सली आंदोलन का गढ़ रहे इस क्षेत्र में कहा, ‘‘हमारी लड़ाई देश के सभी दुश्मनों के खिलाफ है, चाहे वे सीमा पार हों या देश के भीतर। बिहार के लोग हिंसा और अशांति फैलाने वालों के खिलाफ हमारी मुहिम के गवाह रहे हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘एक समय था जब लोग सड़कों पर निकलने से डरते थे क्योंकि उन्हें नहीं पता होता था कि उनका सामना नकाब पहने और बंदूक लिए नक्सलियों से कब और कहां हो जाएगा। नक्सल प्रभावित गांवों में कोई अस्पताल या मोबाइल टावर नहीं था।”

मोदी ने कहा, ‘‘विद्यालयों में आग लगा दी जाती थी और सड़क निर्माण में लगे लोगों की हत्या कर दी जाती थी। इन लोगों को बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान में कोई विश्वास नहीं था।” मोदी ने दावा किया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने 2014 में सत्ता में आने के बाद इस समस्या का समाधान करना शुरू किया और माओवादियों से सख्ती से निपटा गया। उन्होंने कहा कि नक्सल हिंसा से प्रभावित जिलों की संख्या 125 से घटकर केवल 18 रह गई है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार सड़कें बना रही है और नौकरियां पैदा कर रही है। वह दिन दूर नहीं जब माओवाद को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा और शांति, समृद्धि, सुरक्षा एवं शिक्षा हर गांव तक पहुंचेगी।” मोदी ने बिहार के विकास के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी बात की, जहां नए हवाई अड्डे बन रहे हैं और मौजूदा हवाई अड्डों का नवीनीकरण किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने राज्य में भाजपा के मुख्य प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए कहा, ‘‘जिनके शासन में बड़े पैमाने पर पलायन हुआ, वे अब सत्ता हथियाने के लिए सामाजिक न्याय का ढोंग कर रहे हैं।” मोदी ने कहा, ‘‘दशकों तक लोगों के पास शौचालय नहीं थे, न ही उनके पास बैंक खाते थे। करोड़ों लोगों के पास पक्के घर नहीं थे। क्या यही वह सामाजिक न्याय है जिसकी बात राजद और उसकी सहयोगी कांग्रेस करती है?” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद ने बिहार के लोगों की पीड़ा की कभी परवाह नहीं की।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वे उन विदेशियों के लिए पर्यटन की व्यवस्था करते थे, जो यहां की गरीबी को देखने में रुचि रखते थे। अब, जब वे अपने पापों के कारण दलितों और पिछड़े वर्गों का विश्वास खो चुके हैं तो वे सामाजिक न्याय का कार्ड खेलने की कोशिश कर रहे हैं।” बिहार में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। मोदी ने कहा कि राज्य में ‘‘राजग के सत्ता में आने के बाद सामाजिक न्याय की एक नयी सुबह देखी गई है।” उन्होंने कहा, ‘‘हमने लोगों की बुनियादी जरूरतें पूरी की हैं। हम लगातार यह प्रयास कर रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि लाभ शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचे।”

 

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