वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक संघीय न्यायाधीश ने बड़ा झटका दिया है। अदालत ने डोनाल्ड ट्रंप की ओर से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी आने वाले विदेशी छात्रों पर लगाए गए वीजा प्रतिबंध पर अस्थायी रोक लगा दी है। ट्रंप प्रशासन की ओर से बुधवार को जारी इस घोषणा के कारण देश के सबसे पुराने और सबसे धनी कॉलेज के एक चथाई छात्रों पर असर पड़ सकता है, जिनमें से अधिकतर हार्वर्ड के शोध और छात्रवृत्ति कार्यक्रम का हिस्सा होते हैं। न्यायाधीश ने ट्रंप प्रशासन की इस घोषणा पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है।
हार्वर्ड ने दायर की थी याचिक
इससे कुछ समय पहले हार्वर्ड ने संघीय न्यायाधीश से ट्रंप के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए एक याचिका दायर की थी। संस्थान ने इसे व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) की मांगों को अस्वीकार करने के कारण हार्वर्ड के खिलाफ बदला लेने की भावना से किया गया फैसला कहा था।
गुरुवार को दायर एक संशोधित मुकदमे में हार्वर्ड ने कहा कि राष्ट्रपति पिछले अदालती आदेश को दरकिनार करने की कोशिश कर रहे हैं। इसके कुछ समय बाद बोस्टन में ‘यूएस डिस्ट्रिक्ट जज’ एलिसन बरो ने ट्रंप की बुधवार की घोषणा के खिलाफ एक अस्थायी रोक का आदेश जारी किया।

कोर्ट ने मानी हार्वर्ड की बात
उन्होंने कहा कि हार्वर्ड का कहना है कि मुकदमे में दोनों पक्षों को सुनने से पहले अगर यह रोक लगी तो इससे संस्थान को तत्काल और अपूरणीय क्षति होगी। बरो ने हार्वर्ड में अंतरराष्ट्रीय छात्रों के नामांकन को समाप्त करने के प्रशासन के पिछले प्रयास पर लगाई गई अस्थायी रोक को भी बढ़ा दिया। पिछले महीने गृह मंत्रालय ने विदेशी छात्रों को दाखिला देने और उनके वीजा के वास्ते कागजात जारी करने के लिए हार्वर्ड के प्रमाणन को रद्द कर दिया था, लेकिन बरो ने इस कार्रवाई को अस्थायी रूप से रोक दिया था।
ट्रंप-हार्वर्ड में विवाद क्यों?
ट्रंप और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच पिछले कुछ समय से तनाव चल रहा है। ट्रंप ने पिछले महीने दावा किया था कि हार्वर्ड में पढ़ने वाले करीब 31 प्रतिशत विदेशी छात्र, इनमें से कुछ ऐसे देशों से आते हैं जो अमेरिका के लिए गैर-मैत्रीपूर्ण हैं। ट्रंप ने ऐसे छात्रों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए हार्वर्ड से इन छात्रों की सूची की मांग की थी। हार्वर्ड ने ट्रंप के इस फैसले से इनकार किया था। इसके बाद से ही दोनों के बीच तनाव चल रहा है।