नई दिल्ली: अल्पसंख्यक (Minority Affairs) मामलों के मंत्री किरण रिजीजू (Kiren Rijiju) ने शुक्रवार को UMEED पोर्टल लॉन्च किया. यह एक सेंट्रल पोर्टल (Central Portal) है, जिस पर देशभर में मौजूद वक्फ संपत्तियों (Waqf Properties) का रजिस्ट्रेशन (Registration) किया जाएगा. इसके तहत अब सभी वक्फ प्रॉपर्टीज को 6 महीने के अंदर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. ये पोर्टल उम्मीद’ का पूरा नाम है- यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, एम्पावरमेंट, एफिशिएंसी और डेवलपमेंट ( UNIFIED WAQF MANAGMENT,EMPOWERMENT, EFFICIANCY AND DEVELOPMENT ACT 1995) के तहत बनाया गया है. मोबाइल और ईमेल ID के जरिए इसका वर्फिकेशन होगा.
रजिस्ट्रेशन के लिए तीन लेयर मेकर – चेकर – अप्रूवर होंगे. मेकर वक्फ प्रॉपर्टी का मुतावल्ली होगा जिसे राज्यों या UT के वक्फ बोर्ड तय करेगा. चेकर जिला स्तर के अधिकारी होंगे जिसे वक्फ बोर्ड अधिकृत करेगा. प्रॉपर्टी का वेरिफिकेशन CEO या बोर्ड की ओर से अधिकृत अधिकारी अप्रूव करेंगे. पोर्टल लॉन्च किए जाने के मौके पर किरण रिजीजू ने कहा, उम्मीद पोर्टल लॉन्च करने पर देशभर में वक्फ प्रॉपर्टीज से जुड़े और आम मुसलमानों को बधाई देना चाहता हूं. आज का ये उम्मीद पोर्टल का लॉन्च बहुत बड़ा कदम है. पीएम ने पहले भी कहा है कि आजादी के बाद देश में रिफॉर्म का काम वक्फ में हुआ है. ये करोड़ों लोगों की जिंदगी को फायदा पहुंचाने के लिए बड़ा कदम है.
उन्होंने आगे कहा, संसद से पास करने से पहले स्टेकहोल्डर्स से चर्चा हुई, जेपीसी में भेजा और सदन में रिकॉर्ड चर्चा हुई. बिल पारित करके एक्ट बना. हमने पहले भी कहा था कि इसे लेट नहीं करेंगे और इसे जल्द लागू करेंगे. पहला इंप्लीमेंट का प्रोसेस आज शुरू हो गया है. वक्फ प्रॉपर्टीज पर कोई कब्जा ना हो और पारदर्शी तरीके से काम हो सके. रिजिजू ने कहा, मुस्लिमों में गरीब, यतीम और विधवाओं को ये बहुत काम आएगा. वक्फ प्रॉपर्टी का मैनेजमेंट काम आने वाला है. 9 लाख प्रॉपर्टी देशभर में है. एक्ट में बहुत सारी चीज है जैसे 6 महीने में रजिस्ट्रेशन करना है. किसी को कोई परेशानी ना हो उसका सब प्रावधान रखा गया है. सभी से अपील करूंगा कि तय की गई गाइडलाइंस के मुताबिक काम करें. समय से रजिस्ट्रेशन नहीं करेंगे तो ट्रिब्यूनल जाना पड़ेगा. लोगों को पता ही नहीं था कि देशभर में 9 लाख प्रॉपर्टी हैं जो दुनिया में हमारे पास है.

मंत्री ने आगे कहा, विरोध करने वालों को लोकतांत्रिक अधिकार है. विरोध राजनीतिक कारणों और जानकारी के अभाव में हो सकता है, लेकिन अब सब मिलकर काम करें. PM का सबका साथ सबका विकास का कार्यक्रम इसमें झलकता है. करोड़ों मुसलमान गरीबी में दबे रहेंगे जबकि इतनी संपत्ति मौजूद है. हमारी प्राथमिकता और लक्ष्य होना चाहिए। उम्मीद पोर्टल लॉन्च होने के बाद समझाने के लिए प्रोग्राम भी करेंगे.
उम्मीद पोर्टल पर 6 महीने के अंदर संपत्ति का रजिस्ट्रेशन कराना होगा. केंद्र सरकार के मुताबिक उम्मीद पोर्टल एक संवैधानिक पोर्टल है. साथ ही OTP के जरिए रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है. तीन स्तरों पर संपत्ति का वैरिफिकेशन की जाएगी. हर एक वक्फ को 17 डीजिट की ID दी जाएगी. साथ ही सेंट्रलाइज हेल्पलाइन जारी की जाएगी. IT एक्ट की धाराओं के तहत यह चलेगा. सरकार के मुताबिक उम्मीद’ पोर्टल का मकसद वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता को बढ़ावा देना है.