लखनऊ: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा पर पूरे देश को गर्व है, लेकिन इस खास मौके पर सबसे ज्यादा भावुक दिखे उनके माता-पिता। लखनऊ के कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (CMS) में एक कार्यक्रम के दौरान शुभांशु के माता-पिता की आंखें नम थीं लेकिन यह खुशी के आंसू थे।
41 साल बाद इतिहास रचने वाला भारतीय
शुभांशु शुक्ला, 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं। उनकी ये ऐतिहासिक उड़ान Axiom-4 मिशन के तहत पूरी हो रही है, जो 25 जून को लॉन्च हुआ। जैसे ही उनका मिशन अंतरिक्ष की ओर रवाना हुआ, उनके परिवार और देशभर के लोगों की निगाहें इस गर्व के क्षण पर टिकी रहीं। मौके पर उपस्थित एसआईए इंडिया के अध्यक्ष डॉ. सुब्बा राव पावुलुरी ने कहा शुभांशु शुक्ला जैसे अंतरिक्ष यात्रियों के प्रयास भारत को एक नई ऊंचाई पर ले जा रहे हैं। यह भारत के लिए एक महान दिन है।

परिवार ने जताई भावनाएं, देशवासियों का मिला साथ
शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने बेहद भावुक स्वर में कहा, “ये सिर्फ हमारे परिवार का नहीं, पूरे देश का गर्व का क्षण है। हर जगह शुभांशु के पोस्टर लगे हैं, लोग गर्व से उनका नाम ले रहे हैं। हमें खुशी है कि त्रिवेणी नगर का बेटा आज अंतरिक्ष में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहा है।” उन्होंने यह भी बताया कि शुभांशु की इस सफलता में उनकी बहू का भी बड़ा योगदान है “उसने हर कदम पर शुभांशु का साथ दिया, ये सफलता उसकी भी है।” शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा, “बेटे के इस मिशन को लेकर हम बहुत उत्साहित हैं। हम हर पल उसकी सफलता की दुआ कर रहे हैं। जब शहर में उसके सम्मान में लगे पोस्टर देखते हैं, तो दिल गर्व से भर जाता है।”
सरकार ने दी बधाई
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने भी शुभांशु शुक्ला को बधाई देते हुए कहा कि आज भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा है। यह हमारे देश, राज्य और लखनऊ के लिए गौरव की बात है। शुभांशु शुक्ला की यह अंतरिक्ष यात्रा केवल एक मिशन नहीं, बल्कि भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा है। उनके माता-पिता के चेहरे पर दिखाई देने वाला गर्व और आंखों में छलकते आंसू उस भावना को बयां करते हैं, जो हर भारतीय इस ऐतिहासिक मौके पर महसूस कर रहा है।