पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा दिनों का वक्त नहीं बचा है। इसका ऐलान कभी भी सकता है। ऐसे में बिहार की राजनीतिक गलियारों में हलचल भी तेज हो गई है। तो इसी कड़ी में एनडीए से लेकर आरजेडी सहित तमाम पार्टियों के नेताओं ने चुनावी मैदान में बाजी मारने के लिए तैयारियां शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बिहारियों को लुभाने के लिए ताबड़तोड़ दौरे कर रहे हैं।

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस महीने यानी कि जून में बिहार के पांच दौरे कर चुके हैं। पिछले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री मोदी बिहार के तीन प्रमंडलों, मधुबनी, बिक्रमगंज और सिवान में रैलियां निकाल चुके हैं और विशाल जनसभाओं को भी संबोधित किए। वहीं, विधानसभा चुनाव प्रचार के अगले चरण में पीएम मोदी की छह और रैलियां प्रस्तावित हैं। इसके साथ ही राज्य के सभी नौ प्रशासनिक प्रमंडलों में रैलियां करेंगे। जिससे एनडीए कार्यकर्ताओं में एक अलग ही जोश देखने को मिल रहा है। इस दौरान पीएम मोदी एनडीए कार्यकर्ताओं को जीत का मूलमंत्र भी दे सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी की रैलियां 15 जुलाई से 15 सितंबर तक रहेंगी, जिसमें कोसी, गया, और बेगूसराय जैसे क्षेत्रों में सभाएं तय हो चुकी हैं। बाकी तीन प्रमंडलों के लिए स्थान अंतिम चरण में हैं।
चुनाव को लेकर NDA की रणनीति
आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की रणनीति भी साफ हो गई है। आपको बता दें चुनाव में उग्र हिंदुत्व के मुद्दे नहीं उठाए जाएंगे, मुस्लिम विरोध नहीं होगा, सीमांचल की रणनीति अलग होगी। जेडीयू और एलजेपी की ज़िम्मेदारी मुस्लिम वोटों को अपनी ओर लाने की रहेगी। एनडीए लालू यादव द्वारा आंबेडकर के अपमान को भी बड़ा मुद्दा बनाएगा। इस मुद्दे को जोर शोर से उठाकर एनडीए की नजर बिहार के दलित वोटरों पर है।


बता दें बिहार विधानसभा चुनाव दो से तीन चरणों में हो सकते हैं। चुनाव की तारीखें का ऐलान दिवाली और छठ पर्व को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है, इसलिए चुनाव प्रक्रिया उससे पहले पूरी हो जानी चाहिए। चुनाव आयोग बिहार चुनाव की तैयारियों में जोर-शोर से जुटा है।
संजना गोस्वामी
एंकर/रिपोर्टर
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