गौतमबुद्धनगर में उर्वरकों की आपूर्ति और मूल्य नियंत्रण को लेकर डीएम वॉर रूम में समीक्षा बैठक सम्पन्न
बैठक में उर्वरकों की टैगिंग पर रोक, उपलब्धता, और निर्धारित मूल्य पर वितरण सुनिश्चित करने पर दिया गया ज़ोर
गौतम बुद्ध नगर: जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम में खरीफ 2025 सीजन में उर्वरकों की सुचारु आपूर्ति, ओवररेटिंग, कालाबाजारी तथा टैगिंग जैसी गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जिला कृषि अधिकारी विवेक दुबे की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक विगत दिवस सम्पन्न हुई। बैठक में उर्वरक प्रदायकर्ता कम्पनियों के प्रतिनिधि एवं जनपद के थोक उर्वरक विक्रेता उपस्थित रहे।
जिला कृषि अधिकारी ने बैठक को संबोधित करते हुए निर्देशित किया कि उर्वरक विनिर्माता/आपूर्तिकर्ता कम्पनियों द्वारा रैक प्राप्ति एवं जनपद में उर्वरकों की आपूर्ति की सूचना तत्काल जिला कृषि कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए। यदि रैक से सीधे फुटकर विक्रेताओं को उर्वरक की आपूर्ति हो रही हो, तो उसका 24 घंटे के भीतर रीयल टाइम एक्नोलेजमेंट अनिवार्य किया जाए।
उन्होंने यह स्पष्ट निर्देश दिये कि यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी, टीएसपी, एसएसपी जैसे मुख्य उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग न की जाये। टैगिंग की स्थिति में आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 तथा उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के अंतर्गत विधिक कार्यवाही की जायेगी। इस संबंध में भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश शासन के स्पष्ट निर्देश हैं।
खुदरा मूल्य से अधिक दर पर उर्वरकों की बिक्री करने वाले विक्रेताओं के विरुद्ध भी कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने निर्देशित किया कि उर्वरकों का वितरण किसानों को उनकी भूमि जोत संबंधी अभिलेख एवं आधार कार्ड के आधार पर पीओएस मशीन के माध्यम से ही किया जाए। प्रत्येक विक्रेता को स्टॉक पंजिका, विक्रय पंजिका और रसीद अनिवार्य रूप से रखनी होगी अथवा तिथि अनुसार अद्यतन डिजिटल रजिस्टर रखना होगा।
फुटकर विक्रेताओं को भी अपने प्रतिष्ठान पर स्टॉक बोर्ड प्रदर्शित करना अनिवार्य होगा जिसमें उर्वरकों का नाम, उपलब्ध स्टॉक और बिक्री दर स्पष्ट रूप से अंकित हों। किसानों को उनकी जोत और फसल संस्तुति के अनुसार ही उर्वरक विक्रय किया जाए।
जिला कृषि अधिकारी ने यह भी कहा कि जनपद को आवंटित उर्वरकों का विक्रय जनपद के बाहर के खुदरा विक्रेताओं या किसानों को न किया जाये। थोक विक्रेता केवल उन्हीं फुटकर विक्रेताओं को उर्वरक उपलब्ध कराएं जिनके पास वैध लाइसेंस हो और जो सक्रिय रूप से कार्यरत हों। साथ ही, आपूर्ति की पुष्टि फुटकर विक्रेताओं द्वारा समय से की जानी चाहिए।
यदि किसी भ्रमण के दौरान यह शिकायत प्राप्त होती है कि थोक विक्रेता द्वारा अधिक मूल्य वसूला गया या टैगिंग की गई, तो उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। सभी थोक विक्रेताओं को फार्म ‘ओ’ अपने प्राधिकार पत्र पर अंकित कराते हुए स्टॉक का अद्यतन रजिस्टर बनाए रखना अनिवार्य किया गया है।
बैठक के अंत में जिला कृषि अधिकारी ने सभी उपस्थित कम्पनी प्रतिनिधियों एवं थोक विक्रेताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर वरिष्ठ प्राविधिक सहायक दिव्यम यादव, इफको के बीएस चौधरी, कृभको के नरेन्द्र कुमार, आईपीएल के सनलन श्रीवास्तव, एनएफएल के ए के सिंह, सीएफसीएल के आलोक चौधरी, इंडोरामा के पंकज कुमार, एचयूआरएल के नीरज चौधरी सहित अनेक प्रतिष्ठित थोक उर्वरक विक्रेता एवं अधिकारी उपस्थित रहे।