नई दिल्ली: इजरायल सीरिया पर लगातार हमले किए जा रहा है, बीतें दिन भी इजरायल ने सीरिया के रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाकर एंट्री गेट को नुकसान पँहुचाया जिससे मंत्रालय के तमाम अधिकारी डरकर बेसमेंट में जाकर छिप गए थे.
हाल ही में जब-जब जंग का नाम सुनाई देता है तो इजरालयल की यादल आती है, ये आज हर किसी के सामने है कि मध्य-पूर्व में कई मोर्चों पर युद्ध छिड़ा हुआ है जिसमें इजरालयल का शामिल होना नज़र आता है. इतना ही नहीं अब तो हालात ये हैं कि इजरायल ने सीरिया में भी हमले तेज कर दिए हैं. इजरायल की सेना आईडीएफ यानि (Israeli Defense Forces) ने बीतें दिन सीरिया की राजधानी दमिश्क में सीरियाई रक्षा मंत्रालय के एंट्री गेट पर अचानक हमला कर दिया, पहले भी था कि इजरायल सीरिया की इस्लामिक नेतृत्व वाली सरकार की सेना को सोमवार से ही निशाना बना रहा था.
इसी बीच सीरिया के दक्षिणी शहर स्वैदा में स्थानीय सुरक्षा बलों और ड्रूज समुदाय के लड़ाकों के बीच झड़प होने के बाद इजरायल ने सीरियाई बलों को निशाना बनाना शुरू कर दिया. वहीं इजरायल का कहना है कि वो ड्रूज अल्पसंख्यकों को स्थानीय सैनिकों के हमले से बचाने के लिए ये हमले कर रहा है.
सीरियाई रक्षा मंत्रालय के सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय की इमारत पर कम से कम दो ड्रोन हमले किए गए और अधिकारी बेसमेंट में छिप गए, इसमें सामने आया कि इजरायली हमले में दो नागरिक घायल हुए हैं. इजरायली सेना ने बताया, ‘हमने दमिश्क में सीरियाई शासन के सैन्य मुख्यालय परिसर के एंट्री गेट पर हमला किया है. सेना दक्षिणी सीरिया में ड्रूज नागरिकों के खिलाफ की जा रही कार्रवाइयों पर नजर बनाए हुए है।
चलिये आपको बताते हैं, कैसे हुई सीरिया पर इजरायल के हमले की शुरुआत ?
इसका जवाब खुद सीरिया की सरकारी मीडिया ने दिया है जिसके मुताबिक, बुधवार को इजरायल ने मुख्य रूप से सुवैदा शहर को निशाना बनाया. इस पूरे संघर्ष की शुरुआत तब हुई थी जब सोमवार को ड्रूज लड़ाकों और बेदोइन सशस्त्र समूह के बीच लड़ाई को दबाने के लिए शहर में सरकारी सैनिक घुस आए थे, लेकिन हुआ ये कि ड्रूज लड़ाकों और सरकारी बलों के बीच ही लड़ाई छिड़ गई.

दोनों पक्षों के बीच लड़ाई तो ठहराव तो मिला है लेकिन बार-बार इसका उल्लंघन किया जा रहा है. स्थानीय समाचार आउटलेट स्वैदा24 के अनुसार, बुधवार तड़के स्वैदा शहर और आस-पास के गांवों पर भारी तोपखाने और मोर्टार से गोलाबारी की गई. सीरियाई रक्षा मंत्रालय ने सरकारी समाचार एजेंसी सना को दिए एक बयान में कहा कि स्वैदा में गैरकानूनी समूह युद्धविराम का उल्लंघन कर रहे हैं.
अब जानलेते हैं, कौन हैं ड्रूज जिनके लिए इजरायल सीरिया में हमले कर रहा है ?
ड्रूज अरब ही माने जाते हैं और ये समुदाय 11वीं सदी में मिस्र में बना था, ये समुदाय सीरिया, लेबनान, जॉर्डन और इजरायल में मौजूद है जिसकी संख्या लगभग 10 लाख है. यह समुदाय इस्लाम या यहूदी धर्म को नहीं मानता बल्किन एक अलग धर्म को मानता है जो हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म और अन्य धर्मों का मिला-जुलाकर बनाया गया है.
सीरिया में कितने ड्रूज रहते हैं?
देश में सबसे अधिक ड्रूज स्वैदा में हैं जिनमें से सीरिया में लगभग 7 लाख ड्रूज मौजूद हैं, सीरिया के कब्जे वाले गोलान हाइट्स में 29 हजार से ज्यादा ड्रूज रहते हैं. वे खुद को सीरियाई मानते हैं. इजरायल ने कई बार यहां रह रहे ड्रूज लोगों को इजरायली नागरिक बनाना चाहा लेकिन उन्होनें इसे सीधे सिरे से ठुकरा दिया. इजरायल में लगभग 1लाख 50 हजार ड्रूज समुदाय के लोग हैं जिन्होंने इजरायली नागरिकता ली है और वो इजरायली सेना में काम करते हैं।