सड़क सुरक्षा एवं जनहित में सख्त विभागीय कार्यवाही, अमौसी डीलरशिप का निलंबन तो चिनहट डीलरशिप को कारण बताओ नोटिस जारी

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने सड़क सुरक्षा, जनहित और कानून के अनुपालन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, वाहन डिलीवरी नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्यवाही की है। यह कार्यवाही विधि के अनुसार की गई है और इसका उद्देश्य सड़क पर चलने वाले प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

अमौसी डीलरशिप का एक माह के लिए निलंबन (हजरतगंज मामले के आधार पर)

एम/एस सनी मोटर्स प्रा. लि. के पास उत्तर प्रदेश में पंजीकृत दो अलग-अलग ट्रेड सर्टिफिकेट हैं — एक अमौसी में और दूसरा चिनहट में। हजरतगंज शोरूम में पाई गई गंभीर अनियमितताओं के आधार पर अमौसी डीलरशिप (ट्रेड सर्टिफिकेट संख्या: UP32C0095TC) के खिलाफ निलंबन आदेश जारी किया गया है। विभागीय जांच में पाया गया कि हजरतगंज शोरूम से बिना पंजीकरण और बिना एचएसआरपी के वाहन की डिलीवरी की गई, जो मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 39, 41(6) और 192B(2) तथा केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 42 और 50 का उल्लंघन है। परिणामस्वरूप, अमौसी डीलरशिप का ट्रेड सर्टिफिकेट एक माह के लिए निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में कोई भी वाहन बिक्री, पंजीकरण या डिलीवरी की अनुमति नहीं होगी। निलंबन अवधि में किसी भी उल्लंघन पर ट्रेड सर्टिफिकेट निरस्त कर दिया जाएगा।

चिनहट डीलरशिप को कारण बताओ नोटिस (आकाशदीप मामला)

एक अलग मामले में, एम/एस सनी मोटर्स, चिनहट (ट्रेड सर्टिफिकेट संख्या: UP32TC0664A–E) को केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 44 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। आरोप है कि उन्होंने एक नया वाहन (टोयोटा फॉर्च्यूनर, क्रेता – श्री आकाशदीप सिंह, भारतीय क्रिकेटर) का पंजीकरण पूर्ण किए बिना और एचएसआरपी/थर्ड रजिस्ट्रेशन मार्क लगाए बिना डिलीवरी की। एआरटीओ लखनऊ की प्रारंभिक जांच और वाहन पोर्टल के अभिलेखों के अनुसार, वाहन का बिक्री बिल 07.08.2025 को जारी हुआ, बीमा 08.08.2025 को किया गया, लेकिन अभी तक रोड टैक्स जमा नहीं हुआ है और पंजीकरण प्रक्रिया अधूरी है। इसके बावजूद वाहन को सार्वजनिक उपयोग में पाया गया। डीलर को 14 दिन का समय देकर विधिक रूप से सही स्पष्टीकरण देने को कहा गया है, अन्यथा ट्रेड सर्टिफिकेट निरस्त करने की कार्यवाही की जाएगी।

वाहन स्वामी को वाहन उपयोग प्रतिबंध नोटिस

संबंधित वाहन स्वामी श्री आकाशदीप सिंह को मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 39, 41(6) और 207 के अंतर्गत वाहन उपयोग प्रतिबंध नोटिस जारी किया गया है। उन्हें निर्देश दिया गया है कि पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण करने, एचएसआरपी और थर्ड रजिस्ट्रेशन मार्क लगाने तथा वैध बीमा प्राप्त करने से पहले वाहन को सड़क पर न चलाएं। उल्लंघन की स्थिति में वाहन जब्त किया जाएगा और अभियोजन की कार्यवाही की जाएगी।

जनहित एवं सड़क सुरक्षा पर विभाग की दृष्टि

मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 39 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बिना पंजीकरण और पंजीकरण चिह्न के उचित प्रदर्शन के कोई भी वाहन सार्वजनिक स्थान पर उपयोग नहीं किया जा सकता। एचएसआरपी और थर्ड रजिस्ट्रेशन मार्क न केवल कानूनी आवश्यकता हैं बल्कि वाहन की पहचान और सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी आवश्यक हैं। सेलिब्रिटी और सार्वजनिक व्यक्तियों के कार्यों का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। यदि वे स्वयं नियमों का उल्लंघन करते हैं, तो यह जनता को गलत संदेश देता है और कानून पालन की संस्कृति को कमजोर करता है। इसी कारण, विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए त्वरित और सख्त कदम उठाए हैं कि कोई भी व्यक्ति या संस्था कानून से ऊपर नहीं है।

परिवहन विभाग की अपील

परिवहन विभाग सभी वाहन स्वामियों और डीलरों से अपील करता है कि:

1. वाहन की डिलीवरी लेने से पहले पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण कराएं और एचएसआरपी/थर्ड रजिस्ट्रेशन मार्क नियमों के अनुसार लगवाएं।
2. केवल बिल और बीमा के आधार पर वाहन को सड़क पर न निकालें।
3. यदि कोई डीलर बिना पंजीकरण/एचएसआरपी के वाहन डिलीवरी करता है तो तुरंत निकटतम आरटीओ/एआरटीओ को सूचित करें।

उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त श्री ब्रजेश नारायण सिंह बोले-

हमारी प्राथमिकता सड़क पर सार्वजनिक सुरक्षा और नियमों का अनुपालन है। ‘नो आरसी, नो एचएसआरपी – नो रोड यूज़’ की नीति को सख्ती से लागू किया जाएगा। ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस अपनाया जाएगा और सभी कार्यवाही कानून के दायरे में, जनहित में और सड़क सुरक्षा को केंद्र में रखकर की जाएगी।

 

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