आवारा कुत्तों का मामला गरमाया, कनॉट प्लेस पर डॉग लवर्स का प्रदर्शन, कहा- सुप्रीम कोर्ट फिर करे विचार

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर की सड़कों पर घूम रहे आवारा कुत्तों को पकड़ कर 8 हफ्ते में डॉग शेल्टर में भेजने का आदेश दिया है. कोर्ट के इस निर्देश को लेकर डॉग लवर्स ने नाराजगी जाहिर की है. सोमवार (11 अगस्त) को डॉग्स लवर्स ने इंडिया गेट पर इस आदेश के खिलाफ प्रदर्शन किया तो वहीं आज मंगलवार (12 अगस्त) को दिल्ली के कनॉट प्लेस पर प्रदर्शन करने पहुंचे.

प्रदर्शन करने आए लोगों का कहना है कि कुत्तों को शेल्टर होने में डालना गलत है उनका टीकाकरण करवाया जाए. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर दोबारा से विचार करना चाहिए. इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में डॉग्स लवर्स शामिल हुए. उन्होंने सरकार के फैसले पर नाराजगी जाहिर की.

इंडिया गेट पर किया था प्रदर्शन
बीते दिन इंडिया गेट पर भारी संख्या में डॉग्स लवर्स एकत्र हुए थे. इस दौरान कुछ लोग अपने हाथों में मोमबत्तियां भी लिए हुए थे. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश एकतरफा है और इसका पालन करना संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या के लिए नगर निगम जिम्मेदार है. लोगों ने कोर्ट से वैकल्पिक रास्ता निकालने की मांग की है. डॉग लवर्स का साफ कहना था कि कुत्तों को पिंजरे में ना डाला जाए. उन्हें भी खुली हवा में जीने का अधिकार है.

प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज
इस बीच मंगलवार को दिल्ली पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के एफआईआर दर्ज की है.पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था के उल्लंघन के आधार पर ये रिपोर्ट दर्ज की गई है. पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों से बार बार इंडिया गेट पर एकत्र होकर प्रदर्शन न करने के लिए कहा गया था बावजूद लोगों ने इस बात को अनसुना किया और हटाए जाने पर पुलिस से उलझ गए और उनके साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी.

क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में सड़कों से सभी आवारा कुत्तों को हटाकर डॉग शेल्टर में रखने का आदेश दिया है. कोर्ट ने डॉग बाइट और रेबीज़ की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई और अधिकारियों को इस काम को आठ हफ़्ते में पूरा करने की समयसीमा दी हैं. निर्देशों के अनुसार, हर शेल्टर में कम से कम 5,000 कुत्तों को रखने की क्षमता होनी चाहिए और वहां नसबंदी के साथ ही टीकाकरण की सुविधा हो और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएं. सभी पकड़े गए कुत्तों को रिकॉर्ड रखना होगा.

कोर्ट ने साफ किया कि जिन कुत्तों की नसबंदी हो चुकी हो उन्हें भी सड़कों पर नहीं छोड़ा जाएगा, जबकि मौजूदा नियम उन्हें पकड़ने के स्थान पर वापस छोड़ने की अनुमति देते हैं. कोर्ट ने कहा कि किसी भी व्यक्ति या संस्था का दखल नहीं होगा दखलअंदाजी को कोर्ट की अवमानना माना जाएगा.

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