बासमती धान पर 11 कीटनाशी रसायनों के प्रयोग पर प्रतिबंध

सरकार का बड़ा फैसला, बासमती धान की गुणवत्ता और किसानों के हित में उठाया कदम

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गौतम बुद्ध नगर: उप कृषि निदेशक/जिला कृषि रक्षा अधिकारी गौतम बुद्ध नगर राजीव कुमार ने जनपद के समस्त कृषकों एवं कीटनाशी विक्रेताओं को बताया कि कीटनाशी अधिनियम–1968 के प्रावधानों के तहत 11 कीटनाशी रसायनों, जिसमें ट्राइसाईक्लाजोल, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरोपाईरीफॉस, प्रोपिकोनाजोल, टेबुकोनाजोल, थायोमेथाॅक्साम, प्रोफेनोफॉस, इमीडाक्लोप्रिड, कार्बेन्डाजिम, कार्बोफ्यूरान का विक्रय, वितरण और प्रयोग बासमती धान पर प्रतिबंधित कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि संबंधित कीटनाशी रसायनों के प्रयोग से उत्पादित बासमती चावल का निर्यात विदेशों में नहीं हो पा रहा है। कीटनाशकों के अवशेष बासमती में पाये जा रहे हैं और प्रदेश के किसानों को भी इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए ही उत्तर प्रदेश शासन द्वारा बासमती धान पर संबंधित कीटनाशकों का प्रयोग पर रोक लगायी गयी है।
उन्होंने सभी कीटनाशी विक्रेताओं को निर्देशित किया जाता है कि उपलब्ध स्टाॅक में उल्लिखित कीटनाशकों की सूचना एक सप्ताह के अंदर कार्यालय में प्रस्तुत करें। साथ ही संबंधित कृषि रक्षा रसायनों का 30 सितम्बर 2025 तक विक्रय न किया जाए। इस अवधि में किसी विक्रेता द्वारा धान की फसल पर प्रयोग हेतु उक्त रसायनों का विक्रय संबंधित कोई मामला प्रकाश में आता है, कीटनाशी अधिनियम–1968 के अन्तर्गत उसके विरुद्ध कार्यवाही अमल में लायी जाएगी।

 

 

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