भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट: मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल से बदल जाएगी यात्रा का अनुभव

जापान की तकनीक से बन रही भारत की पहली बुलेट ट्रेन, 2027 तक गुजरात में शुरुआत और 2028 तक पूरे रूट पर सेवा का लक्ष्य

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय जापान दौरे पर हैं, जहां मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट भी चर्चा का अहम विषय रहेगा। बताया जा रहा है कि इस दौरे के दौरान इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लेकर उच्च स्तरीय बातचीत होगी। साथ ही पीएम मोदी उन भारतीय ट्रेन चालकों से भी मुलाकात कर सकते हैं, जो जापान में बुलेट ट्रेन संचालन के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। गौरतलब है कि सितंबर 2017 में गुजरात के साबरमती में प्रधानमंत्री मोदी और उस समय के जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी।

 

2027 तक चालू हो सकता है पहला फेज 

दो वर्ष बाद भारत और जापान के बीच हुए समझौते (एमओयू) के तहत जापान ने इस परियोजना के लिए 80% धनराशि सॉफ्ट लोन के रूप में उपलब्ध कराने पर सहमति दी। यद्यपि बीच में कुछ देरी हुई, लेकिन अब निर्माण कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। अनुमान है कि इसका पहला चरण 2027 तक गुजरात में शुरू हो जाएगा, जबकि पूरे 508 किलोमीटर लंबे रूट पर 2028 तक सेवाएं आरंभ करने का लक्ष्य रखा गया है। इस हाई-स्पीड ट्रेन से मुंबई से अहमदाबाद की दूरी महज़ 2 घंटे 7 मिनट में पूरी की जा सकेगी।

 

E10 Shinkansen सीरीज़: भारत के लिए अगली पीढ़ी की ट्रेन

एक रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआत में भारत को जापान की E5 शिंकानसेन सीरीज की ट्रेन उपलब्ध कराने की योजना थी। हालांकि, परियोजना में देरी और जापान में तकनीकी उन्नयन होने के कारण अब भारत को नई पीढ़ी की E10 सीरीज ट्रेन की पेशकश की गई है। इस ट्रेन का डिजाइन जापान के प्रसिद्ध सकुरा (चेरी ब्लॉसम) फूल से प्रेरित है और इसमें विशेष भूकंप-रोधी तकनीक भी शामिल की गई है।

E10 Shinkansen की खासियत

E10 सीरीज ट्रेन में सुरक्षा और आराम दोनों को ध्यान में रखते हुए कई आधुनिक फीचर्स शामिल किए गए हैं। इसमें L-शेप गाइड सिस्टम है, जो भूकंप के समय ट्रेन को पटरी से उतरने से रोकता है। वहीं, लैटरल डैम्पर्स झटकों को कम कर सफर को और स्थिर बनाते हैं। इस ट्रेन की अधिकतम गति 320 किमी/घंटा है, जबकि इसकी तकनीकी क्षमता 360 किमी/घंटा तक की है। इसमें 15% कम ब्रेकिंग डिस्टेंस है, यानी यह 3.4 किमी में रुक सकती है, जबकि E5 को 4 किमी की जरूरत पड़ती थी। यात्री सुविधाओं में अधिक सामान रखने की जगह, व्हीलचेयर यूज़र्स के लिए विशेष सीटें, और लचीली सीटिंग व्यवस्था शामिल हैं। भविष्य में इसे फुली ऑटोमेटेड संचालन की क्षमता से भी लैस किया जा सकेगा। इसके अलावा, बिजनेस क्लास यात्रियों के लिए लेदर रिक्लाइनर सीटें, इन-बिल्ट डेस्क और ऑनबोर्ड Wi-Fi जैसी प्रीमियम सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

जापान E10 Shinkansen में कबतक चलेगी

E10 सीरीज़ को जापान में वर्ष 2030 से शुरू किया जाएगा। तब तक वहां अस्थायी रूप से E5 और E3 ट्रेनों का संचालन होगा। भारत में जब 2027 में बुलेट ट्रेन सेवा की शुरुआत होगी, तो इस रूट पर E5 ट्रेन चलाई जाएगी। अपने जापान दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस फैक्ट्री का भी निरीक्षण करेंगे, जहां E10 ट्रेन का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, पीएम मोदी और जापान के मौजूदा प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा भारत में अन्य संभावित बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट्स पर भी चर्चा कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2009 में भारत सरकार ने पुणे-अहमदाबाद और दिल्ली-अमृतसर (चंडीगढ़ के रास्ते) सहित पांच अन्य हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर्स की पहचान की थी।

बुलेट ट्रेन क्या है?

बुलेट ट्रेन, जिसे हाई-स्पीड ट्रेन भी कहा जाता है, आमतौर पर 250 किमी/घंटा से अधिक की रफ्तार से चलती है और इसके संचालन के लिए विशेष डेडिकेटेड ट्रैक बनाए जाते हैं। वर्तमान में ऐसी हाई-स्पीड रेल सेवाएं जापान, फ्रांस, चीन, जर्मनी, स्पेन, इटली, बेल्जियम और कोरिया जैसे देशों में सफलतापूर्वक संचालित हो रही हैं।

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