लखनऊ: योगी सरकार प्रदेश में सांप काटने से होने वाली मौतों को कम करने के लिए संवेदनशील जिलों में जरूरत के आधार पर इंतजाम कराने जा रही है। सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। सांप काटने पर अब तुरंत इलाज मिलेगा। राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी ने इसके लिए प्रदेश के डॉक्टरों की कार्यशाला आयोजित कर उन्हें इसके प्रति लोगों को जागरूक करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने बताया कि राहत आयुक्त कार्यालय के हेल्पलाइन नंबर-1070 के माध्यम से नजदीकी स्वास्थ केंद्र और उस पर एंटी स्नेक वेनम की उपलब्धता के लिए मैपिंग कराई जा रही है। चिकित्सकों के अलावा फील्ड में कार्यरत नॉन टेक्निकल स्टाफ को भी प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे सर्पदंश पीड़ित को एंबुलेंस से लेकर इलाज तक कोई कठिनाई न उठानी पड़े। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा जिन चिकित्सकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है, वे अपने-अपने जिलों के अस्पतालों, सीएचसी, पीएचसी और अन्य चिकित्सालयों के इमरजेंसी ऑफिसर्स को सर्पदंर्श के आपातकाल उपचार के लिए प्रशिक्षित करेंगे।

राहत आयुक्त के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 38 प्रजाति के सांप पाए जाते हैं, इनमें 18 प्रजाति के सांप विषैले होते हैं और 20 प्रजाति के सांप विषैले नहीं होते हैं। बहुतायत ऐसी स्थिति होती है कि सांप काटने के बाद घबराहट में हार्ट अटैक से लोगों की मृत्यु हो जाती है। इसलिए सांप काटने पर घबराने की जरूरत नहीं है। सर्पदंश होने पर भ्रांतियों के चलते झाड़-फूंक और तांत्रिक के बहकावे आने वालों को रोकने के लिए भी अभियान चलाया जाएगा।
जागरूकता आने पर लोग तुरंत इलाज कराने जाएंगे और मौत की संख्या में कमी आएगी। राहत आयुक्त कार्यालय ने अंबेडकर नगर, आजमगढ़, बलिया, बस्ती, चंदौली, देवरिया, गोरखपुर, जौनपुर, कुशीनगर, मऊ, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, संतकबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर और सुल्तानपुर जिलों के मास्टर ट्रेनर तैयार कराए हैं।