जीएसटी सुधार से देश में कारोबार करना होगा आसान, जीडीपी 20 लाख करोड़ रुपए बढ़ेगी : अश्विनी वैष्णव

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नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को जीएसटी सुधार के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि इन सुधारों से भारत में व्यापार करना आसान हो जाएगा और इसका प्रभाव देश की जीडीपी पर सकारात्मक रूप से पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इन सुधारों के कारण देश में कारोबार की प्रक्रिया सरल हो जाएगी, जिससे मांग बढ़ेगी और जीडीपी में करीब 20 लाख करोड़ रुपए का इजाफा होगा।

रोजमर्रा की वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें घटीं

मंत्री ने बताया कि जीएसटी प्रणाली में सुधार के साथ-साथ टैक्स दरों में भी बदलाव किए गए हैं, जिससे आम नागरिकों को फायदा होगा। विशेष रूप से रोज़मर्रा की वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी आई है, जिससे नागरिकों के पास बचत का अवसर बढ़ा है। उन्होंने कहा, “अब अधिकांश आवश्यक वस्तुएं सस्ती हो गई हैं, जिससे आम आदमी की जीवनशैली बेहतर होगी।”

विपक्षी दलों पर साधा निशाना

अश्विनी वैष्णव ने विपक्षी दलों पर भी तंज कसा और कहा कि उनके नेता इस सुधार को लेकर खुश नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों के कार्यकाल में केवल घोषणाएं होती थीं, जबकि वास्तविक काम नहीं होता था। केंद्रीय मंत्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि यूपीए सरकार के दौर में सीमेंट पर 30 प्रतिशत टैक्स लगता था, जबकि अब यह दर घटकर 18 प्रतिशत हो गई है। महिलाओं के लिए आवश्यक सैनिटरी पैड पर पहले 13 प्रतिशत टैक्स था, जो अब पूरी तरह शून्य कर दिया गया है। इसी तरह, कई अन्य उत्पादों पर टैक्स में कमी की गई है, जैसे फुटवियर (18 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत), रेफ्रिजरेटर (30 प्रतिशत से घटकर 18 प्रतिशत) और डिटरजेंट (30 प्रतिशत से घटकर 5 प्रतिशत)।

370 उत्पादों पर कम हुआ टैक्स

नए जीएसटी सुधारों में लगभग 370 उत्पादों पर टैक्स कम किया गया है, जिनमें रोज़मर्रा की वस्तुएं और जीवन रक्षक दवाइयाँ भी शामिल हैं। इन सुधारों का उद्देश्य उपभोक्ताओं की डिस्पोजेबल आय को बढ़ाना और उसे अर्थव्यवस्था में निवेश के रूप में परिवर्तित करना है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इन सुधारों से अर्थव्यवस्था में करीब 2 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा।

टैक्स स्लैब की संख्या में आई कमी

नए जीएसटी फ्रेमवर्क में टैक्स स्लैब को घटाकर चार से दो कर दिया गया है। अब टैक्स स्लैब 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत होंगे, जबकि लग्जरी और सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत का अतिरिक्त टैक्स लगेगा। यह बदलाव व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा, जिससे कारोबार की गति तेज़ होगी और व्यापार के लिए अनुकूल माहौल बनेगा।

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