2042 करोड़ की लागत से बनेगा नया सचिवालय, ITO पर खड़ा होगा ट्विन टावर
दिल्ली सरकार ने नया सचिवालय बनाने की योजना को मंजूरी दी, ITO पर 2042 करोड़ की लागत से बनेगा ट्विन टावर।
दिल्ली सरकार ने राजधानी में नया सचिवालय बनाने की योजना को मंजूरी दे दी है। 2042 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह सचिवालय आईटीओ इलाके में ट्विन टावर के रूप में खड़ा होगा। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने इस परियोजना के लिए कैबिनेट प्रस्ताव तैयार कर लिया है और योजना को आगे बढ़ाने के लिए सैद्धांतिक मंजूरी मांगी है। इसके तहत डीडीए की जमीन पर अत्याधुनिक तकनीक से भवन का निर्माण किया जाएगा। फिलहाल PWD ने कंसल्टेंट हायर करने के लिए 52 करोड़ रुपये की मंजूरी कैबिनेट से मांगी है।
मुख्यमंत्री ने दिया था इंटीग्रेटेड सचिवालय का विचार
पिछले महीने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सरकारी कार्यालयों में सफाई अभियान की शुरुआत करते समय एक इंटीग्रेटेड सचिवालय बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया था। इसी के बाद सरकार ने आईटीओ स्थित ट्विन टावर को सचिवालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया। इस परियोजना को दिल्ली के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
नए सचिवालय की संरचना और सुविधाएं
नया सचिवालय 55,803 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला होगा और इसमें कुल 48 मंजिलें होंगी। यहां 5,624 वाहनों के लिए पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यह भवन इंटरकनेक्टेड और अत्याधुनिक तकनीक से युक्त होगा, जिससे सभी विभागों को एक ही परिसर में काम करने की सुविधा मिलेगी।
वर्तमान में दिल्ली सरकार के विभिन्न विभाग अलग-अलग इमारतों में बिखरे हुए हैं, जिसके कारण समन्वय और कामकाज में कई कठिनाइयाँ आती हैं। नया सचिवालय बनने के बाद सभी विभाग एक ही जगह होंगे और इससे जनता को सेवाएं भी अधिक सहजता से उपलब्ध हो सकेंगी।

पुराने सचिवालय का इतिहास
दिल्ली सचिवालय का इतिहास भी काफी पुराना है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सबसे पहले पुराना सचिवालय भवन 1912 में सिविल लाइंस क्षेत्र में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था। वहीं, वर्तमान सचिवालय भवन की कहानी अलग है। इसे 1982 में एशियाई खेलों के दौरान एक होटल के रूप में तैयार किया गया था और इसका नाम ‘प्लेयर्स बिल्डिंग’ रखा गया था। बाद में इस इमारत को दिल्ली का नया सचिवालय बना दिया गया। वर्तमान सचिवालय 40,970 वर्ग मीटर क्षेत्र में बना है, लेकिन समय के साथ कई विभाग यहां से अन्य इमारतों में स्थानांतरित हो चुके हैं।
राजधानी को मिलेगा नया प्रशासनिक ढांचा
विशेषज्ञों का मानना है कि आईटीओ पर बनने वाला नया सचिवालय दिल्ली सरकार के कामकाज में तेजी और पारदर्शिता लाने के साथ-साथ प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत करेगा। सभी विभाग एक ही परिसर में होने से न केवल सरकारी समन्वय बढ़ेगा बल्कि आम जनता के लिए सेवाएं हासिल करना भी आसान होगा।
इस तरह नया सचिवालय न केवल दिल्ली की प्रशासनिक जरूरतों को पूरा करेगा बल्कि राजधानी के ढांचे को आधुनिक और सशक्त बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।