शरद पूर्णिमा की रात क्यों होती है खास ?

खीर, चांदनी और लक्ष्मी पूजा से जुड़ी दिव्य परंपराएं

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हिंदू धर्म में शारदीय नवरात्रि के बाद से त्योहारों की लाइन लग जाती है.ऐसे में बाजारों से लेकर घरों में अलग ही रौनक देखने को मिलती है..ऐसे में आज शरद पुर्णिमा देश में मनाई जा रही है.हिंदू धर्म में यह पूर्णिमा सबसे विशेष मानी जाती है. इस पूर्णिमा को कोजागरी पूर्णिमा, रास पूर्णिमा और कोजागरी लक्ष्मी पूजा के नाम से भी जाता है. यह पूर्णिमा हर साल OCT महिने की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है. इसलिए, इस रात चंद्रमा की पूजा करना और चंद्रमा के नीचे खुले आसमान में खीर रखना बेहद शुभ माना जाता है. चलिए जानते हैं शरद पूर्णिमा की खासियत, और ये भी बताएगें कि इस रात चंद्रमा की पूजा क्यों जाती है.

मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करती हैं. इसके अलावा, भगवान श्रीकृष्ण ने इसी रात गोपियों के साथ ‘महारास’ रचाया था. इसलिए, इस रात को जाग कर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए. ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस रात जाग कर पूजा करते हैं माता लक्ष्मी उनके घर में प्रवेश करती हैं, और अपना आशीर्वाद देती हैं.

मान्यता है कि हर साल शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी से अमृत की वर्षा होती है. चंद्रमा इस रात अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है. इसलिए, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की पूजा के लिए विशेष है.

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