भारत-यूके व्यापार में नया अध्याय: ब्रिटिश प्रधानमंत्री स्टारमर का 125 सदस्यीय व्यापार मिशन भारत पहुँचा

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर अपने साथ 125 शीर्ष कॉर्पोरेट नेताओं और नीति निर्माताओं के साथ भारत पहुँचे हैं। यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश और सांस्कृतिक सहयोग को नई दिशा देने की उम्मीद जगाती है।

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भारत-यूके संबंधों का नया अध्याय: ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर (Keir Starmer) इन दिनों भारत दौरे पर हैं। उनके साथ 125 सदस्यीय कॉर्पोरेट प्रतिनिधिमंडल भी आया है, जिसमें ऊर्जा, वित्त, शिक्षा, टेक्नोलॉजी और रक्षा क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगपति शामिल हैं। इस यात्रा को दोनों देशों के बीच “नया व्यापारिक पुल” (New Trade Bridge) कहा जा रहा है। यह दौरा भारत और ब्रिटेन के बीच “भरोसे और साझेदारी पर आधारित एक दीर्घकालिक आर्थिक ढांचे” की नींव रख सकता है।

क्या लक्ष्य है इस व्यापार मिशन का?

इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य है

  • भारत में ब्रिटिश निवेश को बढ़ावा देना

  • स्टार्टअप, हरित ऊर्जा और डिजिटल सेक्टर में सहयोग

  • रक्षा और शिक्षा क्षेत्र में नई साझेदारियाँ

  • दीर्घकालिक व्यापार समझौते (FTA) पर प्रगति

यह दौरा “भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA)” पर रुकी बातचीत को पुनर्जीवित कर सकता है।

स्टारमर और बॉलीवुड — सांस्कृतिक कूटनीति की नई दिशा

दिलचस्प रूप से, प्रधानमंत्री स्टारमर ने अपनी यात्रा के दौरान मुंबई में बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों से भी मुलाकात की। इस कदम को “सांस्कृतिक कूटनीति (Cultural Diplomacy)” कहा जा रहा है — जहाँ कला और फिल्म को व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करने के माध्यम के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। स्टारमर ने बॉलीवुड क्यों चुना? क्योंकि भारत के मनोरंजन उद्योग में ब्रिटिश निवेश के बड़े अवसर हैं — OTT, फिल्म को-प्रोडक्शन, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान दोनों देशों के सॉफ्ट पावर संबंधों को गहरा करेंगे।

भारत को क्या आर्थिक लाभ मिलेगा?

भारत को इस यात्रा से कई मोर्चों पर लाभ की उम्मीद है:

  1. निवेश में वृद्धि:
    ब्रिटिश कंपनियाँ हरित ऊर्जा, बायोटेक और फिनटेक सेक्टर में निवेश करने को तैयार हैं।

  2. रोज़गार के अवसर:
    50,000 से अधिक नए रोजगार सृजन की संभावना।

  3. टेक्नोलॉजी ट्रांसफर:
    AI, साइबर सुरक्षा और डिजिटल गवर्नेंस में सहयोग।

  4. शिक्षा और कौशल:
    UK-India Education Partnership के तहत डुअल-डिग्री प्रोग्राम्स में वृद्धि।

  5. रक्षा साझेदारी:
    रक्षा उपकरणों और तकनीक के सह-विकास की दिशा में वार्ता आगे बढ़ सकती है।

किन सेक्टरों में दिखेगा बदलाव?

सेक्टर संभावित बदलाव लाभ
हरित ऊर्जा (Green Energy) सोलर और हाइड्रोजन प्रोजेक्ट्स में निवेश पर्यावरण-अनुकूल विकास
टेक्नोलॉजी और AI UK कंपनियों द्वारा स्टार्टअप में फंडिंग नवाचार और रोजगार
शिक्षा नई विश्वविद्यालय साझेदारियाँ स्किल डेवलपमेंट
रक्षा और सुरक्षा संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएँ आत्मनिर्भर भारत को मजबूती
फिल्म और मनोरंजन UK-India को-प्रोडक्शन समझौते सांस्कृतिक निर्यात में वृद्धि

विशेषज्ञों की राय: स्टारमर की यात्रा भारत-यूके आर्थिक साझेदारी को अगले दशक में नई ऊँचाई पर ले जाएगी। यह केवल व्यापार नहीं, बल्कि विश्वास का संकेत है।

 

भविष्य की राह: भारत और ब्रिटेन अब केवल उपनिवेशी अतीत से नहीं, बल्कि साझा भविष्य की ओर देख रहे हैं। इस दौरे से दोनों देशों के बीच $100 बिलियन द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य हासिल करने की दिशा में गति मिल सकती है। कीर स्टारमर का भारत दौरा केवल राजनीतिक मुलाकात नहीं, बल्कि आर्थिक पुनर्जागरण की शुरुआत है। Navi Mumbai से लेकर Bengaluru तक, यह यात्रा भारत में निवेश, रोजगार और तकनीकी विकास के नए अवसर खोलने वाली साबित हो सकती है।

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