तीन कफ सिरप घातक घोषित: बच्चों की मौत के बाद भारत में दवा सुरक्षा पर मचा हड़कंप

भारत सरकार ने तीन कफ सिरप को “विषाक्त (Toxic)” घोषित किया है। रिपोर्टों के अनुसार, इन दवाओं के सेवन से बच्चों की मौत के मामले सामने आए हैं। अब सरकार, WHO और दवा कंपनियों के बीच जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

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कफ सिरप बना जानलेवा: भारत सरकार ने तीन कफ सिरपों को विषाक्त (Toxic) घोषित किया है, जब कुछ राज्यों में इन दवाओं के सेवन के बाद बच्चों की मौत के मामले सामने आए। इन दवाओं में पाए गए डायथिलीन ग्लाइकोल (Diethylene Glycol) और एथिलीन ग्लाइकोल (Ethylene Glycol) जैसे रसायन बच्चों के लिए अत्यंत हानिकारक हैं — जो किडनी फेलियर और न्यूरोलॉजिकल डैमेज का कारण बन सकते हैं।

किन सिरपों पर सवाल उठे हैं?

स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन दवाओं को असुरक्षित बताया है, उनमें शामिल हैं:

  1. Cofsol-D Syrup

  2. Dextromed Plus

  3. Kofmate Baby Relief

इनका निर्माण हरियाणा और उत्तर प्रदेश की कुछ स्थानीय फार्मा कंपनियों द्वारा किया गया था। सैंपल जांच में इन सिरपों में टॉक्सिक केमिकल की उच्च मात्रा पाई गई।

बच्चों की मौत के मामले — प्रशासन में हड़कंप: रिपोर्टों के अनुसार, पिछले दो हफ्तों में पाँच राज्यों से लगभग 22 बच्चों की मौत दर्ज की गई है।
मृतक बच्चों के परिजनों ने दावा किया कि उन्होंने डॉक्टर की सलाह पर ये सिरप दिए थे। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने तत्काल जांच शुरू की और सभी संबंधित बैचों को बाज़ार से वापस बुलाने का आदेश दिया। यह केवल एक फार्मा गलती नहीं, बल्कि स्वास्थ्य प्रणाली की बड़ी चूक है।” — स्वास्थ्य विशेषज्ञ, Reuters

सरकार और WHO की प्रतिक्रिया: भारत सरकार ने दवा नियामक (CDSCO) को जांच के आदेश दिए हैं। प्रभावित कंपनियों के लाइसेंस अस्थायी रूप से निलंबित। WHO ने भारत से पूरी रिपोर्ट मांगी है और संबंधित देशों को अलर्ट जारी किया है। यह मामला “भारत की फार्मा साख” पर सवाल खड़ा कर सकता है।

मुकदमा और जवाबदेही — अब आगे क्या? कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, यदि साबित होता है कि कंपनियों ने जानबूझकर घटिया गुणवत्ता की दवाएँ बेचीं, तो उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत कार्रवाई हो सकती है। साथ ही, यह मामला फार्मा एक्सपोर्ट लाइसेंस पर भी असर डाल सकता है, क्योंकि भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा दवा निर्यातक देश है।

स्वास्थ्य विभाग की सावधानी — क्या करें आम लोग?

डॉक्टरों और फार्मासिस्टों की सलाह:

  • इन तीनों सिरपों का तुरंत उपयोग बंद करें।

  • केवल सरकारी अनुमोदित दवा ब्रांड ही खरीदें।

  • बच्चों को सिरप देने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें।

  • पुराने स्टॉक की जांच करें — expiry date और batch number देखें।

  • किसी भी संदिग्ध दवा की सूचना अपने स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी को दें।

अंतरराष्ट्रीय प्रभाव — WHO की निगरानी में भारत: यह पहली बार नहीं है जब भारत के कफ सिरप विवाद ने अंतरराष्ट्रीय सुर्खियाँ बटोरी हैं। 2023 और 2024 में भी अफ्रीकी देशों में भारतीय दवाओं से जुड़ी मौतें दर्ज हुई थीं। इस बार WHO ने सख्त संदेश दिया है कि भारत को अपने “ड्रग टेस्टिंग और क्वालिटी कंट्रोल सिस्टम” को और मज़बूत करना होगा। भारत की दवा निर्माण क्षमता शानदार है, लेकिन गुणवत्ता नियंत्रण में सख़्ती की ज़रूरत है।” — WHO प्रवक्ता

खतरनाक कफ सिरप विवाद भारत के स्वास्थ्य तंत्र और दवा नियमन पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अब सरकार के सामने चुनौती है कि कैसे वह जनता का विश्वास बहाल करे और यह सुनिश्चित करे कि आने वाले समय में ऐसी त्रासदियाँ दोबारा न हों। जागरूकता ही सबसे बड़ी सुरक्षा है — अपने घर में रखी दवाओं को आज ही जाँचें।

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