कोलकाता की हवा की गुणवत्ता चिंताजनक: भारत और विश्व में शीर्ष 10 प्रदूषित शहरों में शामिल

हालिया रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता वायु प्रदूषण के लिहाज़ से दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में शामिल हो गया है। वाहनों, औद्योगिक धुएँ और मौसमी आर्द्रता ने शहर की हवा को खतरे के स्तर तक पहुँचाया है। जानिए स्वास्थ्य पर असर और सुधार के उपाय।

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कोलकाता: हालिया डेटा के अनुसार, कोलकाता में PM2.5 और PM10 कणों का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की मानक सीमा से कई गुना अधिक है।

  • PM2.5: 110 µg/m³ (सुरक्षित स्तर: 25 µg/m³)

  • PM10: 210 µg/m³ (सुरक्षित स्तर: 50 µg/m³)

“कोलकाता की हवा अब केवल प्रदूषित नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए सीधे खतरा है।” — Environmental Scientist, IIT Kharagpur

प्रमुख स्रोत — वाहनों, उद्योग और मौसमी आर्द्रता

  1. वाहन उत्सर्जन: शहर में लगातार बढ़ते वाहन, डीज़ल ट्रक और निजी गाड़ियाँ।

  2. औद्योगिक धुआँ: हावड़ा, जादवपुर और बेलूर क्षेत्रों के फैक्ट्रियों से निकलने वाला प्रदूषण।

  3. आर्द्रता और मौसम: कोलकाता की उच्च आर्द्रता और तापमान ने वायु कणों को स्थिर रखा।

“शहर की भौगोलिक स्थिति — गंगा के पास अवसाद क्षेत्र — प्रदूषण को फैलने नहीं देती।” — Urban Environmental Analyst

स्वास्थ्य पर असर — बच्चों और बुजुर्गों को सबसे अधिक खतरा

  • सांस संबंधी बीमारियाँ: अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और एलर्जी बढ़ी।

  • हृदय रोग जोखिम: लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से हृदयाघात का खतरा।

  • बच्चों और गर्भवती महिलाओं पर असर: फेफड़े और भ्रूण विकास प्रभावित।

 

अल्पकालिक लक्षण: खाँसी, आंखों में जलन, थकान।

दीर्घकालिक: फेफड़े और हृदय रोग। — Kolkata Medical College, Pulmonologist

सुधार के उपाय — सरकार और नागरिक दोनों की जिम्मेदारी

  1. वाहन उत्सर्जन नियंत्रण:

    • EV और CNG वाहन बढ़ावा।

    • वाहन चलाने का समय और रूट प्लानिंग।

  2. औद्योगिक मानक कड़े करना:

    • स्टैक इमिशन की निगरानी।

    • प्रदूषण नियंत्रण उपकरण का अनिवार्य उपयोग।

  3. ग्रीन जोन और पेड़-पौधों का विकास:

    • शहरी बफ़र ज़ोन, पार्क और ग्रीन बेल्ट।

  4. जन जागरूकता:

    • मास्क पहनना, एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल।

    • AQI ऐप्स और रियल-टाइम डेटा पर नज़र रखना।

कोलकाता के मुकाबले विश्व स्तर

  • भारत के शीर्ष प्रदूषित शहरों में कोलकाता 7वें स्थान पर।

  • विश्व स्तर पर Delhi, Dhaka, Beijing के बाद कोलकाता टॉप 10 में शामिल।

  • यह स्थिति शहर की अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य संसाधनों पर दबाव बढ़ा रही है।

कोलकाता के वायु प्रदूषण का स्तर चेतावनी का संकेत है। शहरवासियों और प्रशासन दोनों को मिलकर व्यवस्थित कदम उठाने होंगे —

  • वाहनों और उद्योग पर नियंत्रण,

  • हरित क्षेत्र बढ़ाना,

  • और स्वास्थ्य सुरक्षा उपाय अपनाना।

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