ईशान किशन को समझ आई रणजी ट्रॉफी की अहमियत, कहा- लक्ष्य लेकर उतरता हूं तो बहुत बुरा खेलता हूं

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Ishan Kishan: टीम इंडिया के युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ईशान किशन इस समय 2025-26 रणजी ट्रॉफी में झारखंड की कप्तानी कर रहे हैं। तमिलनाडु के खिलाफ कोयंबटूर में खेले जा रहे मुकाबले में उन्होंने शानदार शतक जमाकर अपनी टीम को मुश्किल हालात से बाहर निकाला। ईशान ने शानदार धैर्य और जिम्मेदारी दिखाते हुए 183 गेंदों में नाबाद 125 रन की पारी खेली, जो उनके फर्स्ट-क्लास करियर का नौवां शतक है।

पहले दिन झारखंड की शुरुआत बेहद खराब रही थी। लंच के बाद टीम का स्कोर 79/3 था, जब कप्तान ईशान किशन नंबर-5 पर बल्लेबाजी के लिए आए। उन्होंने स्थिति को भांपते हुए दो सेशन तक धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी की। उनकी इस संयमित पारी की झलक इस बात से मिलती है कि उन्होंने पूरे दिन में सिर्फ दो छक्के लगाए।

रणजी ट्रॉफी काफी अहम
ईशान ने साहिल राज के साथ सातवें विकेट के लिए 150 रनों की नाबाद साझेदारी की, जिससे झारखंड का स्कोर दिन के अंत में 307/6 तक पहुंच गया। दिन के खेल के बाद ईशान ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि इस लेवल पर उन्हें बहुत समझदारी से खेलने की जरूरत है। रणजी ट्रॉफी की अहमियत समझनी पड़ती है, खासकर जब आप बड़ी टीमों के खिलाफ खेलते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि आप अपने करियर की शुरुआत में बहुत सारी गलतियां करते हैं और बाद में आपको अनुभव का असली मतलब समझ आता है। आपको क्रीज पर बने रहना होगा और तभी आप खेल बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब बाएं हाथ का स्पिनर गेंदबाजी कर रहा था, तब वह हवा का रुख भांप रहे था। वह उसके खिलाफ जोरदार बल्लेबाजी करना चाहते थे। लेकिन स्कोरबोर्ड 6 विकेट देखने के बाद उन्हें ऐसा करना सही नहीं लग रहा था।

चोट से उबरने के बाद शानदार वापसी
हाल ही में ईशान किशन ने इंग्लैंड में नॉटिंघमशायर की ओर से काउंटी क्रिकेट खेला था, जहां उन्होंने 77 और 87 रन की पारियां खेलीं। इसके बाद वे इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट के लिए ऋषभ पंत की चोट के बाद भारतीय टीम में वापसी की दौड़ में थे। लेकिन रोड एक्सीडेंट में चोटिल होने के कारण वे उस सीरीज से बाहर हो गए। इसके बाद उन्होंने ईरानी कप में खेलकर शानदार वापसी की और अब रणजी ट्रॉफी में भी बेहतरीन लय में हैं। इस सीजन अपने लक्ष्य को लेकर ईशान ने कहा कि जब भी वह कोई लक्ष्य लेकर मैदान पर उतरते है, तो बहुत बुरा प्रदर्शन करते हैं। वह बस कुछ ऐसा कर देता हैं, जो जरूरी नहीं होता। तो चलिए इस सीजन कोई लक्ष्य नहीं रखते। बस बल्लेबाजी का आनंद लो।

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