चुनाव आयोग का बड़ा अभियान: देशभर में होगा ‘गहन मतदाता पुनरीक्षण’, नवंबर से इन राज्यों में होगी शुरुआत
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ‘गहन मतदाता पुनरीक्षण’ (SIR) को लेकर हुए राजनीतिक घमासान और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे मामले से सबक लेते हुए चुनाव आयोग अब यह अभियान देशभर में शुरू करने जा रहा है। आयोग ने नवंबर की शुरुआत से ही देशव्यापी SIR शुरू करने की तैयारी कर ली है। इसके तहत सबसे पहले उन राज्यों में मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण होगा, जहां 2026 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
इस बड़े अभियान की तैयारियों का जायजा लेने के लिए बुधवार से चुनाव आयोग की दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस शुरू हुई है। इस बैठक में यह आकलन किया गया कि देश में SIR प्रक्रिया के लिए कितनी और कैसी तैयारी है। सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन आयुक्तों ने इस पर अपनी रिपोर्ट पेश की। कॉन्फ्रेंस के समापन पर आयोग द्वारा पूरे प्लान की घोषणा की जाएगी।
गौरतलब है कि बिहार में SIR प्रक्रिया पर खूब राजनीति हुई थी, जिसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। अदालत ने SIR को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि यह प्रक्रिया थोड़ी पहले शुरू की जा सकती थी। इसी टिप्पणी से सबक लेते हुए आयोग ने अब समय रहते यह अभियान शुरू करने का फैसला किया है।

चरणबद्ध तरीके से होगा काम, इन राज्यों से शुरुआत
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, यह राष्ट्रव्यापी SIR प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से (phased manner) पूरी की जाएगी। इसके तहत, पहले चरण में इसे असम, केरल, पुदुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में लागू किया जाएगा, क्योंकि इन सभी राज्यों में अगले साल (2026) ही चुनाव होने हैं। हालांकि, असम में यह प्रक्रिया राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के कारण थोड़ी प्रभावित हो सकती है। असम के निर्वाचन आयोग का कहना है कि एक बार NRC का काम पूरा होने के बाद ही राज्य में SIR भी कर लिया जाएगा, ऐसे में यह संभव है कि NRC पूरा होने के इंतजार में असम में SIR की प्रक्रिया शुरू होने में थोड़ी देरी हो जाए।
प्रवासी मतदाताओं के लिए बड़ा बदलाव
आगामी राष्ट्रव्यापी प्रक्रिया में चुनाव आयोग एक बड़ा और अहम बदलाव करने जा रहा है, जिससे प्रवासी श्रमिकों (Migrant Workers) को बड़ी राहत मिलेगी। बिहार SIR प्रक्रिया के दौरान, मतदाताओं को केवल बिहार की ही अंतिम गहन पुनरीक्षण मतदाता सूची से अपने नाम के अंश प्रस्तुत करने की अनुमति थी। लेकिन अब, नए नियम के तहत, मतदाता किसी भी राज्य की अंतिम SIR मतदाता सूची से अपने नाम के अंश प्रस्तुत कर सकेंगे, जहां वे वर्तमान में रह रहे हैं।
दूसरे शब्दों में, यदि पश्चिम बंगाल का कोई प्रवासी श्रमिक जो मुंबई में मतदाता के रूप में पंजीकृत है, वह महाराष्ट्र में नामांकित रह सकता है। इसके लिए उसे यह साबित करना होगा कि उसका नाम (या वह किसी ऐसे मतदाता से संपर्क स्थापित कर सके जिसका नाम) 2002 की पश्चिम बंगाल मतदाता सूची में शामिल हो (पश्चिम बंगाल में अंतिम SIR 2002 में हुआ था)। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि प्रवासी श्रमिक आसानी से उस राज्य की मतदाता सूची में बने रहें जहां वे वर्तमान में रह रहे हैं।