Tulsi Vivah 2025 Date: हर साल कार्तिक शुक्ल एकादशी पर श्रीहरि विष्णु योग निद्रा से जागते हैं और इसी दिन गोधूली बेला में तुलसी से उनका विवाह कराया जाता है। इस वर्ष ऐसा नहीं होगा। इसका कारण भद्रा है। काशी से प्रकाशित ऋषिकेश और विश्वविद्यालय पंचांग में देवउठनी या हरि प्रबोधनी एकादशी की तिथि पहली नवंबर को मान्य बताई गई है। एकादशी व्रत एक नवंबर को ही रखा जाएगा, लेकिन दोपहर बाद भद्रा लग जाने से तुलसी विवाह उसी संध्या नहीं हो सकेगा।
कब कराएं तुलसी विवाह 2025: भृगु संहिता विशेषज्ञ पं. वेदमूर्ति शास्त्री ने बताया कि एक नवंबर को भद्रा दोपहर 3:30 से रात 2:56 बजे तक रहेगी। भद्रा काल में मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है, इसलिए तुलसी विवाह अगले दिन 2 नवंबर को होगा। एकादशी तिथि की शुरुआत 31 अक्तूबर की शाम 4:02 बजे होगी और एक नवंबर की रात 2:56 बजे तक रहेगी। ऐसे में एकादशी व्रत एक नवंबर को रखा जाएगा और इसका पारण दो नवंबर को होगा। बैकुंठ चतुर्दशी का पर्व 4 नवंबर और कार्तिक पूर्णिमा 5 नवंबर को होगी।
2 नवंबर को तुलसी विवाह के शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:50 बजे से सुबह 05:42 बजे तक।
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11:42 बजे से दोपहर 12:26 बजे तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 01:55 बजे से दोपहर 02:39 बजे तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 05:35 बजे से शाम 06:01 बजे तक।
अमृत काल- सुबह 09:29 बजे से सुबह 11:00 बजे तक।

त्रिपुष्कर योग- सुबह 07:31 बजे से शाम 05:03 बजे तक।
तुलसी विवाह के दिन बन रहे ये शुभ चौघड़िया मुहूर्त:
लाभ – उन्नति: 09:19 ए एम से 10:42 ए एम
अमृत – सर्वोत्तम: 10:42 ए एम से 12:04 पी एम
शुभ – उत्तम: 01:27 पी एम से 02:50 पी एम
शुभ – उत्तम: 05:35 पी एम से 07:13 पी एम
तुलसी विवाह कराने के क्या फल मिलता है: हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, तुलसी विवाह करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि, सौभाग्य और शांति प्राप्त होती है। तुलसी विवाह कराने से कन्यादान के समान फल मिलता है और संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके अलावा यह जीवन से दरिद्रता दूर करता है और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
विवाह मुहूर्त पांच दिसंबर तक: हरि प्रबोधनी एकादशी के बाद इस वर्ष विवाह की लगन बहुत कम मिलेगी। मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा 21 नवंबर से मांगलिक कार्य के मुहूर्त आरंभ होंगे। ये 5 दिसंबर तक मिलेंगे। आठ दिसंबर से शुक्रास्त हो जाएगा। शुक्रोदय 4 फरवरी को होगा। इस अवधि में विवाह के मुहूर्त नहीं मिलेंगे।