नई दिल्ली : टाटा पावर ने एक बड़ी डील की है। कंपनी ने कहा कि उसने भूटान (Bhutan) के एक विशेष उद्देशीय कोष (एसपीवी) में 1,572 करोड़ रुपये में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन के साथ कॉमर्शियल समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत 1125 मेगावाट की दोर्जिलुंग जलविद्युत परियोजना स्थापित की जानी है। दोर्जिलुंग भूटान की दूसरी सबसे बड़ी पनबिजली परियोजना होगी, और यह देश में अब तक सबसे बड़ी सार्वजनिक-निजी साझेदारी (पीपीपी) वाली परियोजना होगी।
समझौते के तहत टाटा पावर ने तय ढांचे के अनुसार किस्तों में लगभग 1,572 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश करने का वादा किया है। इस रियायती समझौते पर थिम्पू में टाटा पावर के सीईओ और एमडी प्रवीर सिन्हा और ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीजीपीसी) के प्रबंध निदेशक दाशो छेवांग रिनजिन ने भूटान के प्रधानमंत्री ल्योंछेन शेरिंग तोबगे की मौजूदगी में हस्ताक्षर किए। बता दें कि यह परियोजना सितंबर 2031 में चालू होने वाली है, और इसका 80 प्रतिशत उत्पादन भारत को आपूर्ति किया जाएगा। इससे इलाके की ऊर्जा सुरक्षा और साफ बिजली की उपलब्धता को काफी बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना को विश्व बैंक का समर्थन है।

टाटा पावर के शेयर की बात करें तो सुस्त पड़ा है और इसका भाव शुक्रवार को 386.95 रुपये है। दिसंबर 2024 में शेयर की कीमत 447.70 रुपये थी। यह शेयर के 52 हफ्ते का हाई है। फरवरी 2025 में शेयर की कीमत 326.25 रुपये पर थी। यह शेयर के 52 हफ्ते का लो है। टाटा पावर को चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के दौरान 1,245 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है, जो पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 14 प्रतिशत अधिक है। कंपनी का कुल राजस्व तीन प्रतिशत बढ़कर 15,769 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। परिचालन लाभ छह प्रतिशत की वृद्धि के साथ 4,032 करोड़ रुपये रहा।