Hanuman Chalisa: नींद नहीं आती, डर और चिंता सताती है? सोने से पहले करें हनुमान चालीसा का पाठ, मिलते हैं ये अद्भुत फायदे
Hanuman Chalisa Benefits at Night: हनुमान चालीसा पढ़ना केवल धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का एक शक्तिशाली माध्यम भी है। हनुमान चालीसा पढ़ने को प्रभु की साधना करने के बराबर ही माना जाता है। कहते हैं कि पूरी श्रद्धा से किया गया पाठ मन की अशांति हरता है और व्यक्ति को एक सुरक्षित ऊर्जा घेर लेती है।
अगर किसी व्यक्ति को बेचैनी है और उसे अनजाना डर और चिंता सता रही है, तो रात में सोने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ इन समस्याओं से निजाता दिलाता है। धर्म के जानकारों के अनुसार, सोने से पहले किया गया हनुमान चालीसा का पाठ जातक के लिए कई तरह से लाभदायक होता है। यहां जानिए विस्तार से…
1. मन को शांति और थकान से राहत
कई लोग रात को सोने से पहले हनुमान चालीसा पढ़ते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं, तो यह अच्छी आदत है। माना जाता है कि यह साधना मन को शांत कर दिनभर की थकान को दूर करती है। इससे मानसिक तनाव कम होता है और भीतर शांति का एहसास बढ़ता है।
2. पूरी होती हैं मनोकामनाएं
मान्यता है कि जो भी व्यक्ति पूर्ण विश्वास और भक्ति से चालीसा पढ़ता है, उसकी इच्छाएं धीरे-धीरे पूरी होने लगती हैं। हनुमान जी जागृत देवता माने जाते हैं और भक्त की सच्ची प्रार्थना तुरंत सुनते हैं।
3. जीवन की रुकावटें होने लगती हैं दूर
हनुमान जी अष्टसिद्धि और नवनिधि के दाता हैं। इसलिए उनका पाठ जीवन की बाधाओं को कम करता है और व्यक्ति में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास भर देता है। इससे कार्यों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ती है।

4. रात 9 बजे के बाद पाठ अधिक फलदायी
मान्यता के अनुसार, हनुमान जी दिनभर भगवान राम की सेवा में लगे रहते हैं। इसलिए रात 9 बजे के बाद किया गया चालीसा पाठ विशेष रूप से शुभ माना जाता है और इसका फल कई गुना बढ़ जाता है।
5. डर, चिंता और नकारात्मक ऊर्जा से राहत
ऐसा कहा जाता है कि रात को सोनो से पहले हनुमान चालीसा पढ़ने से मनोबल बढ़ता है। भय, चिंता और असुरक्षा की भावना कम होती है। यह मानसिक सुरक्षा का भाव देता है कि कोई दैवीय शक्ति हमारा संरक्षण कर रही है।
6. अच्छी नींद और सेहत में सुधार
सोने से पहले किया गया नियमित हनुमान चालीसा पाठ मन को शांत करता है, जिससे नींद गहरी और आरामदायक होती है। इससे बुरे सपने दूर रहते हैं और मानसिक के साथ शारीरिक स्वास्थ्य में भी सकारात्मक बदलाव नजर आते हैं।