कनाडा के प्रधानमंत्री से मिले पीएम मोदी, पटरी पर लौट रहे संबंध?

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जोहानसबर्ग : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को जोहानसबर्ग में अपने कनाडाई समकक्ष मार्क कार्नी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेता व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाने के अलावा रक्षा तथा अंतरिक्ष क्षेत्रों में गहन सहयोग की संभावनाएं तलाशने पर सहमत हुए। जी20 (G20) शिखर सम्मेलन से इतर कार्नी से मुलाकात के बाद मोदी ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहाकि कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ बहुत ही उपयोगी बातचीत हुई।

यह मोदी और कार्नी की दूसरी मुलाकात थी। इससे पहले, दोनों नेता जून में कनाडा के कनानास्किस में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे। मोदी ने कहा कि हमने कनाडा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई हमारी पिछली बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई उल्लेखनीय प्रगति की सराहना की। हम आने वाले महीनों में, खास तौर पर व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार, ऊर्जा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में अपने संबंधों को और आगे बढ़ाने पर सहमत हुए। उन्होंने कहा कि भारत और कनाडा के बीच व्यापार एवं निवेश संबंधों को मजबूत करने की काफी संभावनाएं हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने साल 2030 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को 50 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। कनाडाई पेंशन फंड भी भारतीय कंपनियों में गहरी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2024 में 30 अरब अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गया था। भारत उस साल कनाडा का सातवां सबसे बड़ा व्यापार साझेदार बनकर उभरा था। मोदी ने कहा कि दोनों देश रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में गहन सहयोग की संभावनाएं तलाशने तथा निकट भविष्य में फिर से मिलने पर भी सहमत हुए।

नवंबर की शुरुआत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने नियाग्रा में जी7 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान अपनी कनाडाई समकक्ष अनीता आनंद से मुलाकात की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की थी। कनाडा के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री मनिंदर सिद्धू ने भी द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को आगे बढ़ाने के तरीके तलाशने के लिए इस महीने भारत की यात्रा की थी।

साल 2023 में कनाडा के तत्कालीन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सरे में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की संलिप्तता के आरोप लगाए थे, जिसके बाद भारत-कनाडा संबंधों में भारी गिरावट आई थी। भारत ने कनाडा के आरोपों को ‘बेतुका’ बताते हुए खारिज कर दिया था। हाल के महीनों में दोनों देशों ने आपसी तल्खी को दूर करने के लिए कई कदम उठाए हैं। वे विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कई तंत्रों को पुनर्जीवित करने पर भी सहमत हुए हैं।

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