सनी देओल के ‘ढाई किलो के हाथ’ से पहले धर्मेंद्र भी बता चुके थे अपने मुक्के का वजन
सनी के आइकॉनिक डायलॉग से दो दशक पहले ‘सीता और गीता’ में धर्मेंद्र ने किया था दमदार अंदाज़ में अपने हाथ का वजन जाहिर
बॉलीवुड: ‘ये ढाई किलो का हाथ जब किसी पर पड़ता है, तो आदमी उठता नहीं… उठ जाता है!’—सनी देओल का यह आइकॉनिक डायलॉग आज भी उतना ही ताज़ा लगता है, जितना 1993 में दामिनी की रिलीज़ के समय था। 32 साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी यह डायलॉग लोगों की ज़ुबान पर चढ़ा हुआ है और सोशल मीडिया पर अक्सर चर्चा में रहता है। सनी देओल की दमदार डायलॉग डिलीवरी का कोई मुकाबला नहीं, लेकिन इस मामले में उनके पिता और दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र भी कम नहीं थे। धर्मेंद्र ने अपने हर किरदार को यादगार बनाया—चाहे वह एक्शन हीरो हों या रूमानी स्टार। दिलचस्प बात यह है कि सनी देओल से पहले धर्मेंद्र भी अपने मुक्कों की ‘ताकत’ और ‘वजन’ बड़े प्रभावशाली अंदाज़ में दर्शकों तक पहुंचा चुके थे।
जहाँ सनी देओल ने दामिनी में अपने “ढाई किलो के हाथ” का वजन यादगार अंदाज़ में बताया था, वहीं उनके पिता धर्मेंद्र यह काम उनसे करीब 20 साल पहले ही कर चुके थे। धर्मेंद्र ने सीता और गीता में अपने मुक्के का वजन बताते हुए दर्शकों की खूब तालियाँ बटोरी थीं। हेमा मालिनी के डबल रोल वाली इस सुपरहिट फिल्म में एक सीन के दौरान धर्मेंद्र एक शख्स को धमकाते हुए कहते हैं—“ये तीन किलो का हाथ पड़ गया न, तो फिल्म के पोस्टर की तरह दीवार पर चिपका दूंगा।”

धर्मेंद्र की पहली फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे वर्ष 1960 में रिलीज़ हुई थी, जिसमें उन्होंने एक बॉक्सर का किरदार निभाकर अपने करियर की शुरुआत की। शुरुआत से ही उनकी मजबूत कद-काठी और दमदार स्क्रीन प्रेज़ेंस उनके किरदारों की पहचान बन गई थी। डेब्यू फिल्म में भी उनका रोल एक ऐसे बॉक्सर का था जो अपनी कमाई से अपने दोस्तों की मदद करता है। आगे चलकर भी फिल्ममेकर्स ने धर्मेंद्र की शारीरिक ताकत और प्रभावशाली व्यक्तित्व को हर चरित्र में शानदार तरीके से इस्तेमाल किया।
धर्मेंद्र ने अपने करियर में कई यादगार भूमिकाएँ निभाईं—कभी इंस्पेक्टर के रूप में तो कभी बॉक्सर बनकर उन्होंने पर्दे पर अपनी अलग ही छाप छोड़ी। लेकिन 1966 में रिलीज़ हुई फूल और पत्थर उनके करियर का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट साबित हुई। इसी फिल्म ने उन्हें ‘गरम-धरम’ का लोकप्रिय टैग दिलाया। फिल्म में धर्मेंद्र एक ऐसे व्यक्ति का किरदार निभाते हैं, जो अपने साथ हुए अन्याय का बदला लेने के लिए हिंसा का रास्ता अपनाता है, और उनके इस रूप को दर्शकों ने बेहद सराहा। फूल और पत्थर की सफलता के बाद इज्जत, आंखें, शिकार जैसी फिल्मों में भी धर्मेंद्र एक्शन स्टार के रूप में ही छाए रहे।