भूकंप के झटकों से सहमा अलास्का, 6.0 तीव्रता के जोरदार झटके लगे

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नई दिल्ली। अलास्का (Alaska) के एंकोरेज महानगरीय क्षेत्र में गुरुवार सुबह 6.0 तीव्रता (6.0 magnitude) के भूकंप (earthquake) ने जोरदार झटके दिए। अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार स्थानीय समयानुसार सुबह 8:11 बजे आए इस भूकंप का केंद्र सुसित्ना से करीब 12 किलोमीटर पश्चिम-उत्तरपश्चिम में था और यह धरती की सतह से लगभग 69 किलोमीटर गहराई में दर्ज किया गया।

2021 के बाद सबसे तीव्र भूकंप
USGS ने बताया कि भूकंप के बाद तत्काल किसी बड़े नुकसान या जनहानि की सूचना नहीं मिली है। वहीं, यूएस सुनामी वॉर्निंग सिस्टम ने स्पष्ट किया है कि इस भूकंप से सुनामी का कोई खतरा नहीं है। अमेरिका का अलास्का क्षेत्र दुनिया के सबसे अधिक भूकंप-प्रवण इलाकों में गिना जाता है, जहां लगभग हर साल 7.0 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप महसूस किया जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, गुरुवार का यह कंपन दक्षिण मध्य अलास्का में 2021 के बाद आया सबसे तीव्र भूकंप है। हालांकि झटके तेज थे, लेकिन राहत की बात यह है कि किसी तरह की बड़ी तबाही की खबर सामने नहीं आई है।

क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता और क्या है मापने का पैमाना?
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

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