बलूचिस्तान: पाकिस्तान को वैसे तो आतंकियों की फैक्ट्री माना जाता है लेकिन भारत के प्रेशर के चलते अब पाकिस्तान भी यह दिखाने में लगा है कि वह भी आतंकवाद के खिलाफ है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सुरक्षाबलों की जवाबी कार्रवाई में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कम से कम तीन आतंकवादी मारे गए हैं। ये कार्रवाई बलूचिस्तान के नोककुंडी में फ्रंटियर कोर मुख्यालय के मुख्य द्वार पर एक “आत्मघाती हमलावर” द्वारा खुद को उड़ा लेने के बाद हुई है।
रविवार को क्या हुआ था?
रविवार को बलूचिस्तान के नोककुंडी में फ्रंटियर कोर (FC) मुख्यालय के मुख्य द्वार पर एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा दिया था। इसके बाद पाकिस्तानी सुरक्षाबल अलर्ट मोड में आए और 3 टीटीपी आतंकवादियों को मार गिराया। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, एक आत्मघाती हमलावर की कार्रवाई के बाद कम से कम छह हथियारबंद हमलावर फ्रंटियर कॉर्प्स मुख्यालय में घुस गए थे। फ्रंटियर कॉर्प्स (एफसी) बलूचिस्तान दक्षिण के प्रवक्ता द्वारा ये जानकारी दी गई है। गौरतलब है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) एक प्रतिबंधित समूह है।

हरकत से बाज नहीं आ रहा टीटीपी
नवंबर 2022 में टीटीपी द्वारा पाकिस्तान सरकार के साथ युद्धविराम समाप्त करने के बाद, उनकी गतिविधियां, खासकर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में, तेज हो गई हैं। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को बलूचिस्तान के क्वेटा और डेरा मुराद जमाली में सात विस्फोट हुए, जिनमें से एक विस्फोट में रेलवे ट्रैक का एक हिस्सा उड़ गया और रेल यातायात बाधित हो गया। गौरतलब है कि एक तरफ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी भारत में घुसकर आतंकी साजिश रचते हैं, वहीं दूसरी ओर आतंकी, पाक सरकार को भी चैन से बैठने नहीं देते और आतंकी गतिविधियां चलाते रहते हैं। इन्हीं आतंकियों की वजह से पाकिस्तान सरकार को वैश्विक पटल पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। भारत भी पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर वैश्विक मंचों पर कई बार लताड़ चुका है।