नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी साझा बयान में कहा कि भारत और रूस की मित्रता एक ध्रुवतारे की तरह अटल और स्थिर है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत और रूस पूरी मजबूती से एकजुट हैं।
भारत के प्रति गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए राष्ट्रपति पुतिन का हृदय से आभार
पीएम मोदी ने कहा, “आज भारत और रूस के 23वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे अत्यंत खुशी हो रही है। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक मील के पत्थरों से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी। वर्ष 2010 में इस साझेदारी को ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ का दर्जा मिला। पिछले ढाई दशकों में उनके नेतृत्व और दूरदर्शिता ने इन संबंधों को लगातार मजबूत किया है। भारत के प्रति उनकी गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं राष्ट्रपति पुतिन का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।”
भारत-रूस की मित्रता समय की कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं
उन्होंने आगे कहा कि पिछले आठ दशकों में विश्व ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। मानवता कई चुनौतियों और संकटों से गुज़री है, लेकिन इन सबके बीच भारत–रूस की मित्रता स्थिर और प्रगाढ़ है। परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर आधारित यह संबंध समय की कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं। आज हमने इस मजबूत नींव पर सहयोग को और व्यापक बनाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों की विस्तृत समीक्षा की है।
भारत-रूस व्यापार मंच से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को नई गति मिलेगी
पीएम मोदी ने बताया कि आर्थिक सहयोग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना दोनों देशों की प्राथमिकता है। इसी दिशा में 2030 तक के लिए ‘इकोनॉमिक कोऑपरेशन प्रोग्राम’ पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि भारत-रूस व्यापार मंच से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों को नई गति मिलेगी और इससे निर्यात, सह-उत्पादन और सह-नवाचार के नए अवसर खुलेंगे।
कृषि और उर्वरक के क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग खाद्य सुरक्षा और किसानों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा कि यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के साथ एफटीए को जल्द अंतिम रूप देने के प्रयास तेज किए जा रहे हैं। कृषि और उर्वरक के क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग खाद्य सुरक्षा और किसानों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण है। “मुझे खुशी है कि यूरिया उत्पादन को लेकर दोनों पक्ष मिलकर प्रयास कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।

भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर
पीएम मोदी ने यह भी बताया कि भारत के नाविकों की पोलर वॉटर में ट्रेनिंग के लिए सहयोग बढ़ाया जाएगा। इससे आर्कटिक क्षेत्र में सहयोग को नई शक्ति मिलेगी और भारत के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे। जहाज निर्माण के क्षेत्र में गहरा सहयोग ‘मेक इन इंडिया’ को और सशक्त करेगा तथा रोजगार, कौशल विकास और क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देगा।
ऊर्जा सुरक्षा भारत-रूस साझेदारी का महत्वपूर्ण स्तंभ
ऊर्जा सुरक्षा को भारत–रूस साझेदारी का महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि असैन्य परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में दशकों पुराना सहयोग स्वच्छ ऊर्जा की साझा प्राथमिकताओं को साकार करने में अहम भूमिका निभाता रहा है। महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सहयोग से वैश्विक स्तर पर सुरक्षित और विविध आपूर्ति श्रृंखलाएं सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
यूक्रेन मसले पर भारत शुरुआत से ही शांति के पक्ष में
पीएम मोदी ने कहा कि क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। यूक्रेन मसले पर भारत ने शुरुआत से ही शांति का पक्ष लिया है और शांतिपूर्ण, स्थायी समाधान के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा योगदान देने के लिए तैयार रहा है और आगे भी रहेगा।
आतंकवाद मानव मूल्यों पर सीधा हमला है
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर उन्होंने कहा, “पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर किया गया कायरतापूर्ण आघात – इन सभी की जड़ एक ही है। भारत का दृढ़ विश्वास है कि आतंकवाद मानव मूल्यों पर सीधा हमला है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है।”