येरुशलम: येरुशलम और नई दिल्ली के बीच कूटनीतिक हलचल तेज हो गई है। दिल्ली ब्लास्ट के बाद पहली बार होने वाली पीएम नरेंद्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू की संभावित मुलाकात को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चाएं तेज हैं। इजराइली पीएम कार्यालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने बुधवार को फोन पर विस्तृत बातचीत की, जिसमें आतंकवाद के मुद्दे पर फिर से जीरो टॉलरेंस की साझा नीति दोहराई गई। वार्ता में क्षेत्रीय सुरक्षा, खुफिया सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि इस मुलाकात से भारत–इजरायल रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी, वहीं पाकिस्तान में इसकी वजह से बेचैनी और कूटनीतिक चिंता बढ़ना तय है।
इज़रायली प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के बाद दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय कूटनीतिक गतिविधियों को और मजबूती मिलती दिख रही है। पीएमओ ने सोशल मीडिया पर बताया कि बातचीत बेहद सकारात्मक रही और इसके अंत में पीएम मोदी एवं नेतन्याहू ने बहुत जल्द मुलाकात करने पर सहमति जताई। माना जा रहा है कि नेतन्याहू की यह बहुप्रतीक्षित भारत यात्रा हाल के महीनों में हुए लगातार मंत्रिस्तरीय दौरों को आगे बढ़ाएगी। इस वर्ष इज़रायल के पर्यटन मंत्री हाइम काट्ज़, अर्थव्यवस्था व उद्योग मंत्री निर बरकात, कृषि एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री अवी डिख्टर और वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोत्रिच की भारत यात्राओं ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊर्जा दी है। अब नेतन्याहू-मोदी बैठक को इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
भारत और इज़रायल के बीच बढ़ती रणनीतिक निकटता आर्थिक मोर्चे पर भी तेजी से आगे बढ़ रही है। दोनों देश मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप देने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। हाल ही में इज़रायल के वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोत्रिच की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने द्विपक्षीय निवेश संधि पर हस्ताक्षर किए, जिससे व्यापार व निवेश संबंधों को नई मजबूती मिली। इसके तुरंत बाद वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की इज़रायल यात्रा के दौरान FTA वार्ता के लिए Terms of Reference (TOR) भी तय किए गए।

इधर, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि दिल्ली विस्फोटों के कारण सुरक्षा चिंताओं की वजह से पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की भारत यात्रा टल सकती है, लेकिन इज़रायल के सरकारी सूत्रों ने इन खबरों को पूरी तरह निराधार बताया है। इज़रायल ने भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर पूर्ण भरोसा जताते हुए कहा कि दोनों देश नेतन्याहू की यात्रा की तारीखों को अंतिम रूप देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
इज़रायल लगातार यह स्पष्ट करता रहा है कि भारत और इज़रायल दोनों ही आतंकवाद के सबसे बड़े पीड़ित रहे हैं और इसके खिलाफ उनकी लड़ाई साझा है। दोनों देशों ने उन राष्ट्रों की कड़ी आलोचना भी की है जो आतंकवाद पर दोहरा रवैया अपनाते हैं और अंतरराष्ट्रीय मंचों से आतंक के खिलाफ एकजुट होने की अपील करते रहे हैं। यही वजह है कि पीएम नरेंद्र मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच होने वाली प्रस्तावित मुलाकात को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों नेता आतंकवाद से निपटने के लिए एक संयुक्त रणनीति या ठोस एक्शन प्लान पर सहमति बना सकते हैं। भारत–इज़रायल के इस संभावित सुरक्षा सहयोग की आहट ने ही पाकिस्तान में राजनीतिक और कूटनीतिक हलचल बढ़ा दी है।
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