नई दिल्ली: चेहरे पर झाईयां होना खासकर महिलाओं में एक साधारण समस्या है। कई बार लोग चेहरे की सुंदरता को बढ़ाने और झाईयों से पीछा छुड़ाने के लिए महंगे प्रोडक्ट और ट्रीटमेंट लेने से भी पीछे नहीं हटते, लेकिन कुछ खास फर्क नहीं पड़ता है तो आखिर इसकी वजह क्या है। झाईयां सिर्फ चेहरे पर बनी काली लकीरें या गहरे धब्बे नहीं हैं, बल्कि ये शरीर में रक्त की कमी और अशुद्धता का संकेत हैं।
आयुर्वेद में चेहरे की झाईयों को पित्त दोष के असंतुलन से जोड़कर देखा गया है। धूप के ज्यादा संपर्क में आने से समस्या बढ़ने लगती है और फिर मेलास्मा होने का खतरा भी बढ़ जाता है। चेहरे की झाईयों को कुछ आयुर्वेदिक उपायों से कम किया जा सकता है, लेकिन इसके साथ आहार में परिवर्तन लाना भी बहुत जरूरी है। विज्ञान कहता है कि शरीर में विटामिन सी, डी, बी12, और फोलिक एसिड की कमी से चेहरे पर झाईयां होने लगती हैं।
शरीर में इन सभी विटामिन के संतुलन से चेहरे पर निखार लाया जा सकता है। हल्दी और एलोवेरा जैल झाईयों के लिए रामबाण इलाज है। इसके लिए कच्ची हल्दी की गांठ को पीसकर उसमें ताजा एलोवेरा जैल बनाकर चेहरे पर लगाएं। सूख जाने पर गुनगुने पानी से मिश्रण को हटा दें। इस पैक को हफ्ते में दो दिन लगाएं। हल्दी चेहरे के गहरे दाग-धब्बों को कम करने में मदद करेगी और एलोवेरा चेहरे को नमी देगा।

चेहरे पर फेस ऑयल से मसाज करने से भी फायदा मिलेगा। इसके लिए जैतून या बादाम के तेल में ग्लिसरीन मिलाकर हल्के हाथ से सर्कुलर मोशन में चेहरे की मसाज करें। अगर स्किन ऑयली है तो हफ्ते में एक बार और अगर ड्राई है तो दो बार मसाज करें। इससे चेहरे में रक्त का संचार बढ़ेगा और चेहरे पर ग्लो आएगा। गुलाबजल और कच्चे दूध का पेस्ट भी झाईयों को कम करने में मदद करता है। दूध चेहरे के रोम छिद्रों में जमी गंदगी को निकालने में मदद करेगा, जबकि गुलाबजल स्किन को अंदर से तरोताजा करेगा।
झाईयों से पीछा छुड़ाने के लिए आहार में भरपूर मात्रा में विटामिन सी, डी, बी12, और फोलिक एसिड जरूरी है। रक्त शुद्धि के लिए सुबह खाली पेट आंवला का जूस, गिलोय का जूस और अनार का सेवन लाभकारी होगा। वहीं फोलिक एसिड हरी पत्तेदार सब्जियों में आसानी से मिल जाता है। अपने आहार में हरी सब्जियों के सूप जैसे पालक, चुकंदर, गाजर और टमाटर और सहजन का सूप शामिल करें।