नोएडा में खराब हवा पर सख्ती, CEO डॉ. लोकेश एम. ने GRAP-4 के अनुपालन को लेकर बुलाई अहम बैठक

खराब वायु गुणवत्ता को नियंत्रित करने के लिए नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने मिलकर बनाई रणनीति

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नौएडा, गौतमबुद्धनगर: नौएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय डॉ० लोकेश एम. द्वारा खराब बायु गुणवत्ता के नियंत्रण एवं वर्तमान में लागू दीप-4 के अनुपालन के सम्बन्ध में प्राधिकरण के विभिन्न विभागों की बैठक ली गई। बैठक में प्राधिकरण के समस्त अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारीगण, जिला प्रशासन से अपर जिलाधिकारी, प्राधिकरण महाप्रबन्धकगण, उप महाप्रबन्धक एवं वरिष्ठ प्रबन्धकगण इत्यादि उपस्थित रहे। साथ बैठक में नौएडा क्षेत्र में स्थित विभिन्न आई.टी. कम्पनियों एवं स्कूलों/यूनिवर्सिटीज़ के प्रतिनिधिगण भी उपस्थित रहे। मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय द्वारा बैठक के दौरान दिनांक 15.12.2025 को मा० पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, भारत सरकार श्री भूपेन्द्र यादव जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई बैठक में दिये गये निर्देशों के अनुपालन हेतु निर्देशित किया गया तथा बैठक में उपस्थित उक्त रकूलो/ संस्थाओं के प्रतिनिधियों से भी वायु-गुणवत्ता सुधारने हेतु उनकी ओर से प्रयास किये जाने की अपेक्षा की गई। विदित है कि दिनांक 15.12.2025 को मा० पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री, भारत सरकार की अध्यक्षता में वायु प्रदूषण नियंत्रण पर बैठक सम्पन्न हुई, जिसमें माः मंत्री जी द्वारा विभिन्न बिन्दुओं पर कार्यवाही के निर्देश दिये गये, जिसके क्रम में मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय द्वारा सभी विभागों को निर्देशित किया गया।

  • वाहनों द्वारा उत्सर्जित प्रदूषण: एन.सी. आर. क्षेत्र में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण Vehicular Pollution है. जिसको नौएडा क्षेत्र में नियंत्रित किये जाने के दृष्टिगत मुख्य कार्यपालक अधिकारी महोदय द्वारा ईंधन वाले वाहनों के सापेक्ष ई.वी. को बढ़ावा दिये जाने हेतु परिवहन विभाग को पत्र लिखने एवं प्राधिकरण क्षेत्र में ई.वी. चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाये जाने के निर्देश दिये गये।

          साथ ही प्राधिकरण में उपपयोग में लाये जा रहे वाहनों पर को ई.वी. / हाइब्रिड वाहनों से परिवर्तित कर इसकी पहल किये जाने के निर्देश दिये गये। इसके अतिरिक्त जनस्वास्थ्य विमान में विभिन्न कार्यों में संलग्न विभिन्न वाहन, जो BS-VI नहीं हैं, उन्हें अपग्रेड किये जाने के                निर्देश दिये गये।

           नौएडा के विभिन्न स्थानों पर जहाँ अधिक जाम लगता है, पर सुधार कार्य कराये जायें, जिससे कि उक्त स्थानों पर जाम न लगे।

बैठक में उपस्थित आई टी कम्पनियों एवं स्कूलों से प्रतिनिधियों से अपेक्षा की गई कि ग्रेप-3, ग्रेप-4 की अवधि में Wocs from Home तथा ऑनलाईन/हाइब्रिड मॉड पर अथवा अन्य विकल्पों के माध्यम से स्कूलों का संचालन किया जाये, जिरासे वाहनों का आवागमन कम हो। इसके अतिरिक्त उक्त अवधि में किसी भी बडे कार्यक्रम आयोजित न किये जायें, जिसमें वाहनों के एकत्रित होने की सम्भावना हो।

  • उद्योगों द्वारा उत्सर्जित प्रदूषणः निर्देशित किया गया कि अपने-अपने क्षेत्रों का निरीक्षण

कर यह सुनिश्चित किया जाये कि नौएडा में संचालित फैक्ट्रियों से प्रदूषित गैस/बायु का उत्सर्जन न हो तथा उल्लंघनकर्ता के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये।

  • वाणिज्यिक गतिविधियों द्वारा प्रदूषण: रेस्टोरेन्ट्स, स्ट्रीट वैण्डर्स द्वारा उपयोग किये जाने वाले तन्दूर / चूल्हे अथवा अन्य धूी उत्सर्जित करने वाले स्रोतों को नियंत्रित किये जाने के निर्देश दिये गये तथा उल्लंघनकर्ता के विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिये गये।
  • खुले में कचरा जाने के कारण प्रदूषण: कतिपय स्थानों पर कूड़े के ढेर अथवा उद्यानिक मलयों में आग लगाने के प्रकरणों पर गहनता से नजर रखी जाये तथा उल्लंघनकर्ता की पहचान कर उनके विरुद्ध कार्यवाही की जाये। इसके अतिरिक्त कूड़े का निस्तारण अधिक से अधिक वैज्ञानिक रूप से किये जाने के निर्देश दिये गये।
  • नौएडा क्षेत्र में विभिन्न सस्थानों में डी.जी. सेट का न्यूनतम उपयोग किये जाने की अपेक्षा की गई तथा इस हेतु सम्बन्धित संस्थाओं से समन्वय स्थापित कर ही जी रोट को Dual Fuel मॉड पर Retrofining किये जाने हेतु सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया गया।
  • मैकेनिकल रोड स्वीपिंग: नौएडा में सभी मुख्य सड़कों मैकेनिकल रूप से स्वीपिंग कराने के निर्देश दिये गये तथा इस हेतु NCAP के अन्तर्गत प्राप्त धनराशि का पूर्ण उपयोग समयानुसार किये जाने के निर्देश दिये गये।
  • हरित क्षेत्रों का विकासः नौएडा में सड़कों के कच्चे भागों में आवश्यकतानुसार घात अथवा टाईल लगाये जाने हेतु उद्यान विभाग को निर्देश दिये गये। इस सम्बन्ध में सभी वरिष्ठ प्रबन्धकों को ऐसे क्षेत्रों का निरीक्षण कर जिन स्थानों पर घारा अथवा टाईल लगाने की आवश्यकता है, उनकी सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये।
  • सी एण्ड डी पेस्ट का शहर से एकत्रित करते हुए वैज्ञानिक रूप से निस्तारण किया जाना।
  • प्रदूषण नियंत्रण सम्बन्धी कार्यक्रमों में नागरिकों (आरबब्लूर/जन प्रतिनिधियों) की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित किया जाना।
  • वाहनों से होने वाले प्रदूषण के हॉट स्पॉट क्षेत्रों की पहचान करते हुए हरित क्षेत्र विकसित करने, डस्ट कन्ट्रोल कराने आदि लक्षित एवं रामयबद्ध उपायों को किया जाना।
  • बैठक में उपस्थित संस्थाओं के प्रतिनिधियों से उनके संस्थानों के सामने सड़कों पर धूल उत्सर्जन को रोकने हेतु नियमित रूप से पानी का छिड़काव कराने हेतु सहयोग प्रदान करने की अपेक्षा की गई।
  • संस्थाओं के प्रतिनिधियों से अपेक्षा की गई कि उनके संस्थानों के समीप / सामने स्थित फुटपाथ / सेन्ट्रल वर्ज अथवा प्राधिकरण की अन्य अवस्थापनाओं को अनुरक्षित किये जाने हेतु Adopt किये जाने पर विचार किया जाये तथा इस हेतु चाहें तो उक्त संस्थायें अपना प्रचार भी कर सकती हैं।
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