बांग्लादेश में हिंसा पर यूनुस सरकार सख्त, भीड़ हिंसा और आगजनी की कड़ी निंदा

अंतरिम सरकार ने नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील, पत्रकारों पर हमले और सांप्रदायिक हिंसा पर चेतावनी

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बांग्लादेश: बांग्लादेश में जारी हिंसा और अशांति के बीच मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को पहली बार आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। सरकार ने देश के नागरिकों से भीड़ हिंसा के खिलाफ खुलकर आवाज उठाने की अपील करते हुए स्पष्ट किया कि हिंसा, धमकी, आगजनी और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे किसी भी कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अंतरिम सरकार ने कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल कानून-व्यवस्था को प्रभावित करती हैं, बल्कि देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी गंभीर रूप से कमजोर करने का खतरा पैदा करती हैं। सरकार ने दो टूक शब्दों में इन सभी हिंसक गतिविधियों की कड़ी निंदा करते हुए शांति और संयम बनाए रखने का संदेश दिया।

युनूस सरकार ने देशवासियों से भीड़ हिंसा के हर रूप के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करने की अपील की है और इसे कुछ असामाजिक तत्वों की साजिश बताया है। सरकार ने कहा कि बांग्लादेश इस समय अपने इतिहास के एक बेहद अहम मोड़ पर खड़ा है, जिसे अराजकता फैलाने वाले लोगों के हाथों पटरी से उतरने नहीं दिया जा सकता। अंतरिम सरकार ने स्पष्ट किया कि शांति और लोकतंत्र को कमजोर करने की किसी भी कोशिश को नाकाम करना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। बयान में कहा गया कि यह संकल्प उस सपने से जुड़ा है, जिसके लिए शहीद शरीफ उस्मान हादी ने अपने प्राणों की आहुति दी थी, और उनके बलिदान का सम्मान तभी होगा जब देश संयम, जिम्मेदारी और नफरत को ठुकराने की मजबूत प्रतिबद्धता दिखाए।

पत्रकारों के प्रति एकजुटता जताते हुए अंतरिम सरकार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वह मीडिया के साथ खड़ी है। सरकार ने द डेली स्टार, प्रोथोम आलो और न्यू एज के पत्रकारों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें जिस तरह की आतंक और हिंसा का सामना करना पड़ा, उसके लिए गहरा दुख है। बयान में कहा गया कि पूरे देश ने आतंक के माहौल में भी पत्रकारों के साहस और धैर्य को देखा है। सरकार ने यह भी साफ किया कि पत्रकारों पर किए गए हमले सीधे तौर पर सत्य और लोकतंत्र पर हमले हैं और ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए पीड़ित पत्रकारों को पूर्ण न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया गया है।

अंतरिम सरकार के बयान में मयमनसिंह में हाल ही में एक हिंदू व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की गई। सरकार ने साफ कहा कि नए बांग्लादेश में इस तरह की हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है। बयान में कहा गया कि यह एक जघन्य अपराध है और इसके दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और सांप्रदायिक या भीड़ हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

अंतरिम सरकार ने दोहराया कि नए बांग्लादेश में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है और इस जघन्य अपराध के दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। सरकार ने कहा कि देश इस समय एक नाजुक दौर से गुजर रहा है और ऐसे में हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह हिंसा, उकसावे और नफरत को सिरे से खारिज करे। बयान में नागरिकों से शांति, संयम और एकता का परिचय देकर शहीद हादी को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने का आह्वान किया गया।

गुरुवार देर रात एक फेसबुक पोस्ट के जरिए संगठन ने देश में बढ़ती हिंसा पर गंभीर चिंता जताई। पोस्ट में कहा गया कि विनाश और आगजनी के जरिए कुछ समूह बांग्लादेश को एक असफल राज्य की ओर धकेलना चाहते हैं और देश की स्वतंत्रता व संप्रभुता को कमजोर करने की साजिश रच रहे हैं। संगठन ने स्पष्ट किया कि 32 और 36 एक जैसे नहीं हैं और लोगों को इस फर्क को समझना चाहिए। पोस्ट में आगे कहा गया कि फरवरी में प्रस्तावित चुनाव नजदीक हैं और ऐसे समय में यह सोचना जरूरी है कि देश में फैलाई जा रही अशांति से वास्तव में किसे फायदा होगा। संगठन ने नागरिकों से बांग्लादेश में स्थिरता बनाए रखने के लिए सरकार के साथ पूरा सहयोग करने और किसी भी तरह की हिंसा से दूर रहने की अपील की।

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