वाशिंगटन : अवैध प्रवासियों के खिलाफ सख्ती बरतने वाले डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अब अपनी इच्छा से देश छोड़ने वाले लोगों को एक ऑफर दिया है। डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी ने ऐलान किया है कि बिना दस्तावेज के अमेरिका में रह रहे विदेशी अगर अपनी इच्छा से देश छोड़ते हैं तो उन्हें 3000 डॉलर दिए जाएंगे। साथ ही उन्हें अपने देश जाने के लिए फ्री एयर टिकट भी दिया जाएगा। डीएचएस की प्रेस रिलीज के मुताबिक 21 दिसंबर से पहले जो लोग सीबीपी होम मोबाइलल ऐप्लिकेशन में खुद से डिपोर्ट करने का ऑप्शन चुनेंगे उन्हें यह स्टाइपेंड दिया जाएगा। इसके अलावा आदेश में यह भी कहा गया है कि देश ना छोड़ पाने के लिए अगर कोई जुर्माना लगाया गया है तो वह भी माफ कर दिया जाएगा।
होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने कहा कि पहले खुद से डिपोर्ट होने के ऑप्शन चुनने पर 1 हजार रुपये स्टाइपेंड दिया जाता था। अब इसे तीन गुना कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हॉलिडे सीजन में अमेरिका छोड़ने वालों को छूट दी गई है। बता दें कि जनवरी 2025 से 19 लाख लोग अपनी इच्छा से ही अमेरिका छोड़ चुके हैं। वहीं क्रिसमस सीजन में सेल्फ डिपोर्ट के लिए दिया जाने वाला स्टाइपेंड तिगुना कर दिया गाय है। हालांकि यह ऑफर सीमित समय के लिए ही है।

उन्होंने कहा कि जो लोग खुद से डिपोर्ट होने का ऑप्शन नहीं चुनेंगे अगर वे पकड़े जाएंगे तो जबरन उन्हें अपने देश भेज दिया जाएगा। बता दें कि भारत में अमेरिकी दूतावास ने सोमवार को कहा कि 15 दिसंबर से अमेरिका ने मानक वीजा जांच प्रक्रिया के तहत सभी एच1बी और एच4 आवेदकों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति समीक्षा का विस्तार किया है। यह जांच इन दोनों वीजा श्रेणियों के लिए सभी देशों और सभी राष्ट्रीयताओं के आवेदकों पर वैश्विक स्तर पर की जा रही है। दूतावास द्वारा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में यह संक्षिप्त बयान ऐसे समय में आया है जब भारत में इस महीने के अंत में होने वाले हजारों एच1बी वीजा आवेदकों के पूर्व निर्धारित साक्षात्कार अचानक कई महीनों के लिए स्थगित कर दिए गए हैं।
अमेरिकी दूतावास ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “एच1बी और एच4 वीजा आवेदकों के लिए विश्वव्यापी अलर्ट: 15 दिसंबर से, विदेश विभाग ने मानक वीजा स्क्रीनिंग के हिस्से के रूप में सभी एच1बी और एच4 आवेदकों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति समीक्षा का विस्तार किया है। यह जांच एच1बी और एच4 वीजा के लिए सभी राष्ट्रीयताओं के सभी आवेदकों के लिए विश्व स्तर पर की जा रही है।”