गरीब मां से खरीद जरूरतमंद अमीरों को बेचे जाते थे नवजात

0 227

राष्ट्रीय राजधानी में नवजात शिशुओं के अपहरण और तस्करी में शामिल एक अंतर्राज्यीय गिरोह का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है और इस सिलसिले में छह महिलाओं को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने यह जानकारी दी. प्रिया जैन, प्रिया, काजल, रेखा, शिवानी और प्रेमवती के रूप में पहचानी जाने वाली छह महिलाएं समाज के गरीब तबके के माता-पिता से नवजात शिशुओं को पैसे देकर खरीदती थीं और मोटी रकम के लिए जरूरतमंदों को बेच देती थीं. पुलिस ने गिरोह की सरगना के रूप में प्रियंका नाम की महिला की भी पहचान कर ली है, लेकिन अभी उसे पकड़ा नहीं जा सका है.

पुलिस उपायुक्त (अपराध शाखा) राजेश देव ने बताया कि 17 दिसंबर को सूचना मिली थी कि राष्ट्रीय राजधानी में नवजात शिशुओं के अपहरण और तस्करी में शामिल एक गिरोह सक्रिय है और इसके कुछ सदस्य हैं. गिरोह नवजात शिशु को बेचने के लिए गांधी नगर के श्मशान घाट के पास आया. गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए एक टीम गठित कर छापेमारी की गई. आरोपियों में से तीन, प्रिया जैन, प्रिया और काजल, जो लगभग 7-8 दिन की उम्र के एक बच्चे को अपने साथ लाए थे, को मौके से पकड़ लिया गया. अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान उन्होंने खुलासा किया कि वे जल्दी पैसे कमाने के लिए बच्चे को बेचने के लिए वहां गए थे और लड़के की व्यवस्था प्रियंका ने की थी, जो प्रिया की बड़ी बहन है.

इसके बाद, पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया और गिरोह के दो और सदस्यों को गिरफ्तार किया और उनके कब्जे से एक और बच्ची बरामद की. पुलिस ने कहा, ‘पूछताछ के दौरान पता चला कि वे सभी गरीब तबके के थे और शुरू में उनमें से कुछ आईवीएफ केंद्रों के संपर्क में आए और आईवीएफ प्रक्रिया में इस्तेमाल होने के लिए अपने ‘अंडे’ दान करना शुरू कर दिया, जिसके लिए उन्हें 20,000 रुपये से 25,000 रुपये का भुगतान किया गया था.’ जल्द ही वे कई जोड़ों के संपर्क में आए, जिनके खुद के कोई बच्चे नहीं थे और वे बच्चा पैदा करने की इच्छा रखते थे, लेकिन आईवीएफ प्रक्रिया के माध्यम से उन्हें एक भी बच्चा नहीं मिल सका.

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.