शराब घोटाले के बाद मनीष सिसोदिया पर जासूसी कांड में केस दर्ज, AAP नेता की बढ़ीं मुश्किलें

0 92

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई ने जासूसी कांड में केस दर्ज कर लिया है। सीबीआई ने फीडबैक यूनिट मामले में सिसोदिया पर केस दर्ज किया है। आरोप है कि आम आदमी पार्टी ने साल 2015 के आसपास एक फीडबैक यूनिट तैयार की थी। इस फीडबैक यूनिट से कई लोगों की जासूसी की गई। यह भी आरोप है कि इस यूनिट में भर्ती के लिए केंद्र सरकार से परमिशन नहीं ली गई थी। दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सीबीआई ने सिसोदिया पर यह दूसरी एफआईआर दर्ज की है।

बताया जा रहा है कि सीबीआई ने अपनी इस एफआईआर में मनीष सिसोदिया को आरोपी नंबर-1 बनाया है। 14 मार्च को सीबीआई ने केस दर्ज किया था। सिसोदिया पर आपराधिक साजिश रचने, संपत्ति का बेईमानी से दुरूपयोग, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाए गए हैं। जांच एजेंसी ने इस मामले में 5 अन्य लोगों के नामों का जिक्र भी अपनी एफआईआर में किया है।

FIR में इन लोगों का भी है नाम
इनमें आईआरएस अधिकारी सुकेश कुमार जैन भी शामिल हैं। सुकेश जैन उस वक्त दिल्ली सरकार में विजिलेंस सचिव थे। इनके अलावा सीआईएसएफ के रिटायर्ड डीआईज राकेश कुमार सिन्हा का भी नाम इस एफआईआर में है। बताया जाता है कि राकेश कुमार सिन्हा को फीडबैक यूनिट को दिल्ली के मुख्यमंत्री का खास सलाहकार और फीडबैक यूनिट का संयुक्त निदेशक बनाया गया था। एफआईआर में प्रदीप कुमार पुंज का नाम है। बताया जाता है कि प्रदीप कुमार ने एफबीयू के डिप्टी डायरेक्टर के तौर पर काम किया। सीआईएसएफ के पूर्व असिस्टेंट कमांडेंट सतीश क्षेत्रपाल का भी नाम इसमें है, उन्होंने इस यूनिट में फीडबैक ऑफिसर के तौर पर काम किया। इसके अलावा गोपाल मोहन का भी नाम इस एफआईआर में है। एलजी वीके सक्सेना ने इस मामले में सीबीआई से जांच करवाए जाने की सिफारिश की थी जिसके बाद गृहमंत्रालय ने सीबीआई को जांच के आदेश दिये थे।

सिसोदिया पर CBI की दूसरी FIR
इससे पहले सीबीआई ने दिल्ली के कथित आबकारी नीति घोटाले में मनीष सिसोदिया पर केस दर्ज किया था। इस मामले में 26 फरवरी को पूछताछ के बाद सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से सिसोदिया जेल में बंद हैं। सीबीआई के बाद शराब घोटाले में ईडी यानी प्रवर्तन निदेशलालय की एंट्री हुई। प्रवर्तन निदेशालय ने भी सिसोदिया से पूछताछ की थी। यह पूछताछ इस घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत की गई थी। इसके बाद ईडी ने भी सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। अब सीबीआई ने फीडबैक यूनिट के जरिए कई लोगों और विभागों की जासूसी कराने के आरोप में सिसोदिया के खिलाफ एक बार फिर केस दर्ज कर लिया है।

कांग्रेस नेता ने LG को लिखी थी चिट्ठी
इससे पहले इस जासूसी कांड को लेकर कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित, पूर्व मंत्री मंगत राम और किरण वालिया ने एलजी वीके सक्सेना को चिट्ठी लिख आग्रह किया था कि वो इस मामले में यूएपीए के तहत एनआईए से जांच करवाएं। इसपर एलजी वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव से कहा था कि वो इसमें जरूरी ऐक्शन लें। जिसके बाद से यह कहा जा रहा है कि एनआईए भी इस मामले की जांच कर सकती है।

आम आदमी पार्टी का दावा रहा है कि फिडबैक यूनिट (एफबीयू) का गठन भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए किया गया था। लेकिन आरोप लगे कि इसके जरिए जासूसी की गई थी। इस मामले में सीबीआई जांच की इजाजत पहले दी गई थी। सीबीआई ने इस कथित जासूसी कांड की शुरुआती जांच के बाद बताया था कि एफबीयू ने राजनीतिक खुफिया जानकारियां जुटाई थीं। AAP का कहना है कि विभिन्न विभागों व स्यावत्त निकायों, संस्थानों और संस्थाओं के कामकाज के बारे में कार्रवाई के लायक जानकारी जुटाने के लिए एफबीयू का गठन किया गया था।

नोट: अगर आपको यह खबर पसंद आई तो इसे शेयर करना न भूलें, देश-विदेश से जुड़ी ताजा अपडेट पाने के लिए कृपया Vnation के Facebook पेज को LikeTwitter पर Follow करना न भूलें...
Leave A Reply

Your email address will not be published.