नई दिल्ली. अंगूठियां-छल्ला पहनना आम बात है लेकिन अलग-अलग धातुओं और रत्न आदि से जड़ी ये अंगूठियां हमारे जीवन पर असर डालती हैं. ज्योतिष शास्त्र में इन धातुओं और रत्नों का संबंध नवग्रहों से बताया गया है. इन ग्रहों को संतुलित करने, ग्रहों से शुभ फल पाने के लिए ये रत्न और धातुएं धारण करने की सलाह दी जाती है. ये रत्न और अंगूठियां आदि विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही धारण करना चाहिए, वरना इनका नकारात्मक असर झेलना पड़ सकता हे. चांदी का छल्ला भी एक ऐसी अहम चीज है जिसे पहनने के ढेरों लाभ हैं.
सोने-चांदी के आभूषण खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. साथ ही यह कुंडली के ग्रह-नक्षत्रों पर भी असर डालते हैं. जैसे- सोने का संबंध गुरु ग्रह से है. वहीं चांदी का संबंध शुक्र और चंद्र ग्रह से है. माना जाता है कि चांदी भगवान शिव के नेत्रों से उत्पन्न हुआ था इसलिए जहां चांदी होती है, वहां धन-वैभव और संपन्नता की कभी कमी नहीं होती है. वहीं कुछ राशि वालों के लिए तो चांदी के आभूषण पहनना, विधि-विधान से छोटी उंगली में चांदी का छल्ला धारण करना बहुत लाभ देता है.
चांदी की अंगूठी या छल्ला सबसे छोटी अंगूठी में पहनना चाहिए. चांदी का छल्ला कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के लिए बेहद शुभ माना गया है. वृषभ और तुला राशि के जातक भी चांदी का छल्ला धारण कर सकते हैं. वहीं मेष, सिंह और धनु राशि के जातकों को गलती से भी चांदी का छल्ला नहीं पहनना चाहिए.
विधि-विधान से दाहिने हाथ की कनिष्ठा उंगली यानी कि सबसे छोटी उंगली में चांदी की अंगूठी पहनने से शुक्र ग्रह और चंद्रमा शुभ परिणाम देते हैं. इससे जातक की खूबसूरती में और निखार आता है. मस्तिष्क शांत रहता है. गुस्से पर काबू होता है. धन, सुख-समृद्धि बढ़ती है. साथ ही शरीर में वात, कफ और पित्त तीनों का संतुलन बना रहता है. चांदी की अंगूठी नहीं पहन पा रहे हैं तो चांदी की चेन भी अभिमंत्रित करके पहन सकते हैं. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर खूब धन-दौलत देंगी.