चंडीगढ़ : पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल, जिनका अनिश्चितकालीन अनशन शुक्रवार (17 जनवरी) को 52वें चरण में प्रवेश कर गया है। ऐसे में पंजाब-हरियाणा सीमा बिंदु पर विरोध कर रहे किसानों ने दावा किया है कि डल्लेवाल का लगभग 20 किलोग्राम वजन कम हो गाया है। उनके अनुसार, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के संयोजक का वजन 86.9 किलोग्राम से घटकर 66.4 किलोग्राम हो गया है। बता दें, डल्लेवाल पिछले साल 26 नवंबर से पंजाब और हरियाणा के बीच खनौरी सीमा बिंदु पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर हैं, जिसमें फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित किसानों की विभिन्न मांगों का समर्थन किया गया है।
किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने क्या कहा?
बीते गुरुवार 16 जनवरी को खनौरी बॉर्डर पर मीडिया को संबोधित करते हुए किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि दल्लेवाल का वजन डिजिटल तौल मशीन के जरिए मापा गया था। कोहाड़ ने कहा कि उनके शरीर के कुल वजन में 23.59 फीसदी की कमी आई है।
डल्लेवाल के शरिर में कीटोन लेवल है पॉजिटिव
पटियाला के राजिंदरा मेडिकल कॉलेज के डॉ. हरिंदर सिंह ने बताया कि डल्लेवाल के शरीर में कीटोन का स्तर सकारात्मक है। कीटोन का उच्च स्तर यह दर्शाता है कि शरीर ग्लूकोज के बजाय ऊर्जा के लिए संग्रहीत वसा का उपयोग कर रहा है। डल्लेवाल की महत्वपूर्ण स्थिति के बारे में जानकारी साझा करते हुए डॉ. सिंह ने बताया कि उनका रक्तचाप 120/70 और नाड़ी की दर 80 है। डॉक्टर ने बताया कि उनका स्वास्थ्य हर दिन बिगड़ता जा रहा है और वे निर्जलीकरण से पीड़ित हैं।

एससी ने डल्लेवाल के हेल्थ की मांगी रिपोर्ट
किसानों के अनुसार डल्लेवाल में कीटोन का स्तर 6.50 एमएमओएल/एल (मिलीमोल प्रति लीटर) है, जबकि सामान्य सीमा 0.02-0.27 है। उन्होंने पहले कहा था कि उनका शरीर पानी भी नहीं पी पा रहा है और जब भी वे पानी पीते हैं, उन्हें उल्टी हो जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पंजाब सरकार से डल्लेवाल की स्वास्थ्य रिपोर्ट की एक प्रति मांगी, ताकि एम्स के मेडिकल बोर्ड से राय ली जा सके।
डल्लेवाल ने चिकित्सा सहायता से कर कर दिया इनकार
डल्लेवाल ने अपने उपवास के दौरान किसी भी चिकित्सा सहायता से इनकार कर दिया है, जिससे उनकी तबीयत खराब हो गई है। इस बीच, 111 किसानों के एक समूह का आमरण अनशन दूसरे दिन भी जारी रहा। समूह ने दल्लेवाल के साथ एकजुटता दिखाते हुए खनौरी के पास सीमा के हरियाणा की ओर अपना अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया। एसकेएम (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसान पिछले साल 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा बिंदुओं पर डेरा डाले हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उन्हें अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी थी।